मुझे एक ऐसे व्यक्ति ने शादी का प्रस्ताव दिया, जो नमाज़ पढ़ता है और अच्छे चरित्र का है, और उसके सभी गुण अच्छे हैं, लेकिन वह एक सूदी बैंक में लेखा विभाग के प्रबंधक के रूप में काम करता है। मैंने इस्तिखारा किया है, परंतु मैं उसके प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए आपके उत्तर की प्रतीक्षा कर रही हूँ। क्योंकि मुझे डर है कि यह भविष्य में मेरे और मेरे बच्चों के लिए हराम होगा। मुझे आशा है कि यदि इस विषय पर और स्पष्टीकरण हैं, तो आप मुझे इनकी सूचना देंगे।
सूद पर आधारित बैंकों में काम करना बिल्कुल भी जायज़ नहीं है, न हिसाब-किताब (लेखा विभाग) में और न ही किसी और में। क्योंकि यह पाप और अवज्ञा में मदद करना है, जबकि सूद (ब्याज) को लिखने या उसकी गणना के क्षेत्र में काम करना सख़्त हराम और अधिक गंभीर है। क्योंकि मुस्लिम (हदीस संख्या : 1598) ने जाबिर रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि उन्होंने कहा : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने सूद खाने वाले पर और सूद खिलाने वाले पर और सूद लिखने वाले पर और सूद के गवाहों पर ला’नत (धिक्कार) भेजी है। और फरमाया : वे सब (पाप में) बराबर हैं।”
इस कार्य से जो धन प्राप्त होता है, वह हराम धन है। इसलिए हम आपको सलाह देते हैं कि आप इस शादी का प्रस्ताव देने वाले को अस्वीकार कर दें; क्योंकि इसे स्वीकार करने का मतलब यह है कि आपका खाना, पीना और खर्च हराम धन से होगा। जबकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है :
“ऐ लोगो! अल्लाह पवित्र है और शुद्ध व पवित्र चीज़ ही स्वीकार करता है। और अल्लाह तआला ने रसूलों को जिन चीज़ों का आदेश दिया है, वही आदेश मोमिनों (विश्वासियों) को भी दिया है। अल्लाह तआला का फरमान है :
يَا أَيُّهَا الرُّسُلُ كُلُوا مِنْ الطَّيِّبَاتِ وَاعْمَلُوا صَالِحًا إِنِّي بِمَا تَعْمَلُونَ عَلِيمٌ
سورة المؤمنون: 51
“ऐ रसूलो! पाक चीज़ों में से खाओ तथा अच्छे कर्म करो। निश्चय मैं उससे भली-भाँति अवगत हूँ, जो तुम करते हो।'' (सूरतुल मूमिनून : 51)
और विश्वासियों को आदेश देते हुए कहा :
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا كُلُوا مِنْ طَيِّبَاتِ مَا رَزَقْنَاكُمْ
سورة البقرة: 172
“ऐ ईमान वालो! उन पवित्र चीज़ों में से खाओ, जो हमने तुम्हें प्रदान की हैं।” (सूरतुल-बक़रा : 172)।
फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने एक व्यक्ति का उल्लेख किया, जो लंबे सफर करता है बिखरे हुए बाल और धूल में भरा हुआ अपने दोनों हाथ आकाश की ओर उठाता है, वह कहता है : या रब! या रब! हालाँकि उसका खाना हराम है, उसका पीना हराम है, उसका कपड़ा हराम है और उसका पोषण हराम धन से हआ है, तो उसकी दुआएँ क्योंकर स्वीकार की जाए!ॽ” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 1015) ने रिवायत किया है।
इब्ने रजब रहिमहुल्लाह कहते हैं : “इससे पता चला कि हलाल खाना, पीना, पहनना, और हलाल धन पर पोषण पाना दुआ की स्वीकृति का कारण है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : "हर शरीर जो किसी हराम चीज़ से पैदा हुआ है, उसके लिए आग अधिक उपयुक्त है।” इसे तबरानी और अबू नुऐम ने अबू बक्र से रिवायत किया है और अलबानी ने सहीहुल-जामि’ (हदीस संख्या : 4519) में इसे सहीह कहा है।
हम अल्लाह से प्रार्थना करते हैं कि वह आपको नेक पति और बरकत वाली हलाल रोज़ी प्रदान करे।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।