उन कपड़ों को पहनने का क्या हुक्म है जिन में चित्र और छवियाँ होती हैं ?
चित्रों पर आधारित कपड़े पहनने का हुक्म
प्रश्न: 10439
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
इनसान के लिए ऐसे कपड़े पहनना जाइज़ नहीं है जिनमें किसी जानवर या इनसान की छवि (चित्र) हो। इसी तरह ऐसा ग़ुत्रा या शिमाग़ (रूमाल), या इसके समान अन्य चीज़ें पहनना जाइज़ नहीं है जिसमें किसी पशु या इनसान की छवि (तस्वीर) हो। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित है कि आपने फरमाया : "फ़रिश्ते ऐसे घर में प्रवेश नहीं करते जिसमें कोई छवि (चित्र) हो।"
इसलिए हम किसी के लिए भी यह जाइज़ नहीं समझते हैं कि वह यादगार (स्मृति) के लिए तस्वीरें रखे, जैसाकि लोग कहते हैं, और जिस व्यक्ति के पास यादगार (स्मृति) के लिए चित्र (तस्वीरें) हों उसपर अनिवार्य यह है कि वह उन्हें नष्ट कर दे, चाहे उसने उन्हें दीवार पर लटका रखी हों या एल्बम में लगा रखी हों या कहीं और; क्योंकि उनके बाक़ी रहने का मतलब यह है कि उस घर वाले लोग अपने घरों में फ़रिश्तों के प्रवेश करने से वंचित कर दिए जाएँगे। यह हदीस जिसकी ओर मैंने संकेत किया है, नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित है। और अल्लाह तआला ही सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखता है।
स्रोत:
अद-दावा पत्रिका अंक 1765/54 के लिए शैख मुहम्मद बिन सालेह अल उसैमीन रहिमहुल्लाह के फतावा से उद्धृत।