एक युवक ने एक युवती से निकाह का अनुबंध किया, फिर उसपर प्रवेश करने से पहले ही उसे तलाक़ दे दिया। उसने उसे महर की राशि भुगतान कर दी थी, और उसने उसी अनुबंध में एक अन्य विलंबित राशि अपने ज़िम्मे लिखी थी। इस बारे में क्या हुक्म हैॽ
उसने एक महिला के साथ शादी का अनुबंध किया फिर उसके पास प्रवेश करने से पहले उसे तलाक़ दे दिया
प्रश्न: 111907
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
“यदि उसने किसी महिला के साथ शादी का अनुबंध किया, फिर संभोग करने से पहले उसे तलाक़ दे दिया, और उसने उसके लिए महर निर्धारित किया था, तो उस महिला के लिए उस महर का आधा हिस्सा है जो उसने पहले ही भुगतान कर दिया है, तथा उसके लिए विलंबित महर का भी आधा हिस्सा है जो उसने अभी तक भुगतान नहीं किया है। क्योंकि अल्लाह तआला का फरमान है :
وَإِنْ طَلَّقْتُمُوهُنَّ مِنْ قَبْلِ أَنْ تَمَسُّوهُنَّ وَقَدْ فَرَضْتُمْ لَهُنَّ فَرِيضَةً فَنِصْفُ مَا فَرَضْتُمْ إِلَّا أَنْ يَعْفُونَ أَوْ يَعْفُوَ الَّذِي بِيَدِهِ عُقْدَةُ النِّكَاحِ
[البقرة: 237] .
और यदि तुम उन्हें इससे पहले तलाक़ दे दो कि उन्हें हाथ लगाओ, जबकि तुम उनके लिए कोई महर निर्धारित कर चुके हो, तो तुमने जो महर निर्धारित किया है उसका आधा देना अनिवार्य है, सिवाय इसके कि वे (पत्नियाँ) माफ़ कर दें, अथवा वह पुरुष माफ़ कर दे जिसके हाथ में विवाह का बंधन है।” (सूरतुल बक़रा : 237)
अतः यदि उसने उसपर प्रवेश करने से पहले उसे तलाक़ दिया है, तो महर आधा हो जाएगा, चाहे उस (महिला) ने उसे अपने कब्ज़े में लिया हो या न लिया हो, जबकि उसने उसे निर्धारित और निर्दिष्ट कर दिया था। और अगर उनमें से कोई अपना हिस्सा दूसरे को दे दे, तो इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
आदरणीय शैख सालेह बिन फौज़ान अल-फौज़ान हफ़िज़हुल्लाह।
“फतावा अल-मरअतिल मुसलिमह” (2/738) अशरफ बिन अब्दुल-मक़सूद द्वारा संकलित।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर