कुछ लोग अपनी अमानतों और आवश्यक वस्तुओं को औलिया की कब्रों पर रखते हैं, यह सोचकर कि वे उनकी रखवाली करेंगे। अतः न उनकी चोरी होगी, न कोई उन्हें लूटेगा औऱ न हड़पेगा।
यह मान्यता रखना कि मृतक उन अमानतों (सामानों) की रखवाली (रक्षा) करते हैं जो उनकी कब्रों पर रखी जाती हैं, स्पष्ट कुफ्र और अल्लाह की रुबूबियत (प्रभुत्व) में शिर्क (अर्थात उसके एकमात्र पालनहार होने में किसी अन्य को शामिल करना) है, जो इसी स्थिति पर मर जाने वाले व्यक्ति को अनंत काल तक नरक में रहने का पात्र बना देता है। संरक्षण के लिए अथवा बरकत (आशीर्वाद) प्राप्त करने हेतु अमानतों या अन्य चीजों को कब्रों पर रखना जायज़ नहीं है। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
और अल्लाह ही तौफ़ीक़ प्रदान करने वाला है। तथा अल्लाह तआला हमारे पैगंबर मुहम्मद और उनके परिवार और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।