मेरे पास एक ज़मीन है जिसे मैं ने एक हज़ार पाउंड के बदले रेहन रख दिया है, कि वह उस से लाभान्वित हो और उस की संपूर्ण उपज को लेता रहे यहाँ तक कि मैं उस के एक हज़ार पौंड वापस कर दूँ, फिर उस के बाद वह मेरी ज़मीन को मुझे वापस कर देगा, तो क्या रेहन की यह सूरत जाइज़ है ? और रेहन का शरई (धार्मिक) रूप क्या है ?
उस के पास एक कृषि भूमि रेहन रख दिया ताकि वह उस से लाभ उठाये यहाँ तक कि वह उस के क़र्ज़ की अदायगी कर दे
प्रश्न: 128156
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान अल्लाह केलिए योग्य है।
“रेहन (गिरवी रखना) जाईज़ है, क्योंकिअल्लाह अज़्ज़ा व जल्ल का फरमान है : “अगर तुम यात्रा पर हो और (क़र्ज़ के मामलेको) लिखने वाला न पाओ तो रेहन रख लिया करो।” (सूरतुल बक़रा : 283)
अगर आप ने ज़ैद या अम्र से एक हज़ार पौंड, याउस से कम, या अधिक उधार लिया है, और उस के पास कोई ज़मीन, या गाड़ी, या हथियार, या इसके अतिरिक्त कोई अन्य चीज़ गिरवी रखी है तो इस में कोई बात नहीं है, किन्तु उस के लिएअपने हक़ से अधिक लाभ उठाने का अधिकार नहीं है, बल्कि उस की उपज आप के लिए होगी, लेकिनवह किराया के द्वारा उस (ज़मीन) से लाभ उठा सकता है, और किराया की राशि को क़र्ज़ से काटदिया जायेगा, या वह उस राशि को आप के हवाले कर देगा, चुनाँचि ज़मीन उस के पास गिरवीरहेगी, और आप एक ज्ञात मज़दूरी पर उसे किराये पर दे देंगे जो क़र्ज़ से काट दिया जायेगा।
जहाँ तक इस सूरते-हाल का संबंध है कि वह आपको मोहलत देने और आप के पास माल को उस का भुगतान करने के समय तक छोड़े रहने के बदलेमें उस से लाभ उठाये, तो यह ऐसा क़र्ज़ है जो लाभ को जन्म देता है, अत: यह जाइज़ नहींहै, और यह ऐसे ही है जैसे कि आप ने उस से एक हज़ार क़र्ज़ लिया इस शर्त के साथ कि आप उसेग्यारह सौ, या बारह सौ वापस करेंगे, तो यह जाइज़ नहीं है और यह सूद में से है। अगर वहबिना किराये के ज़मीन को खेती-बाड़ी वगैरा में प्रयोग करता है तो जाइज़ नहीं है। क्योंकिइस का अर्थ यह हुआ कि उस ने आप को जो क़र्ज़ दिया है उस के बदले में वह इस ज़मीन से लाभउठा रहा है, तो उसकी मिसाल ऐसे ही है कि जैसे कि अगर आप उसे सौ या दो सौ, या उस सेअधिक या उस से कम राशि अतिरिक्त दे दें, अत: यह सब के सब सूद है।”
समाहतुश्शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन बाज़ रहिमहुल्लाह
स्रोत:
"फतावा नूरुन अलद् दर्ब"