0 / 0

छोटे पाप पर अडिग रहना उसे बड़ा पाप बना देता है

प्रश्न: 130711

इस्लाम में दो प्रकार के पाप हैं : पहला : बड़ा पाप और दूसरा : छोटा पाप… मेरा प्रश्न है : क्या हस्तमैथुन और पोर्न (अश्लील) देखना बड़ा पाप है या छोटा? और उस पाप का नरक में क्या दंड हैॽ

उत्तर का पाठ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

प्रत्येक मुसलमान को इन छवियों और फिल्मों से दूर रहना चाहिए, जो वासना को उत्तेजित करती हैं और हस्तमैथुन या ज़िना जैसे पापपूर्ण कार्यों को करने के लिए प्रेरित करती हैं, ताकि यह दूरी निषिद्ध चीजों से बचने का साधन हो। इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्हें देखना और उनपर अडिग रहना एक बड़ा पाप है, क्योंकि किसी छोटे पाप को बार-बार करने और उसपर अडिग रहने से वह छोटा पाप नहीं रहता है। अतः जो व्यक्ति उसे करने में लगा रहता है, वह उसपर अडिग रहने के कारण बड़े पाप में पड़ने वाला माना जाएगा। इसके विपरीत जिसने उसे एक बार संयोग के रूप में या ऐसे ही देख लिया, तो इसे छोटा पाप माना जाएगा। इसी तरह हस्तमैथुन भी अगर वासना की तीव्रता को कम करने के लिए एक बार हो जाता है, तो शायद अल्लाह उसे माफ कर दें, क्योंकि यह छोटे पापों में से है।

लेकिन जहाँ तक उसपर अडिग रहने की बात है, तो वह बड़े पापों में से है।

स्रोत

आदरणीय शैख अब्दुल्लाह बिन जिब्रीन रहिमहुल्लाह

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android