डाउनलोड करें
0 / 0

जनाज़ा की नमाज़ फ़र्ज़े किफाया है

प्रश्न: 14040

क्या जनाज़ा (अंतिम संस्कार) की नमाज़ पढ़ने का कर्तव्य केवल पुरुषों के लिए है, या इसमें सभी मुसलमान; पुरुष एवं महिला समान रूप से शामिल हैंॽ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

जनाज़ा की नमाज़ फ़र्ज़े किफाया है। यदि कुछ लोग जनाज़ा की नमाज़ पढ़ लेते हैं, तो बाक़ी लोग ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाएँगे। लेकिन यदि सभी लोग उसे छोड़ देते हैं जबकि वे जानते हैं, तो वे सभी लोग दोषी होंगे। यह केवल पुरुषों के लिए विशिष्ट नहीं है। बल्कि जनाज़ा की नमाज़ की वैधता में पुरुष और महिला दोनों बराबर हैं, हालाँकि यह मूल रूप से पुरुषों के लिए है। परंतु महिला जनाज़ा के पीछे नहीं जाएगी। क्योंकि उम्मे अतिय्यह रज़ियल्लाहु अन्हा से प्रमाणित है कि उन्होंने कहा : “हमें जनाज़ा (अंतिम संस्कार के जुलूस) के पीछे जाने से रोका गया था, लेकिन हमें साग्रह नहीं रोका गया था।” इसे बुखारी और मुस्लिम ने रिवायत किया है। तथा एक अन्य रिवायत के शब्द यह हैं कि "अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने हमें मना किया …)"

स्रोत

इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android
at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android