मेरी शादी हो गई है लेकिन मैं ने अभी प्रवेश नहीं किया है, और मेरी पत्नी अपनी नौकरी छोड़ने से मना करती है यहाँ तक कि हम शादी कर लें और वह मेरे साथ सफर करे, तो इसका क्या समाधान है ; मैं उसके साथ अब अधिक समय बर्बाद नहीं करना चाहता हूँ। क्या मैं उसे उसकी मह्र भुगतान किए बिना तलाक़ दे सकता हूँ ; क्योंकि वह अपनी नौकरी छोड़ने के बारे में मेरे आदेश का पालन न करने की वजह से अवज्ञाकारी समझी जायेगी ?
क्या वह अपनी पत्नी को उसकी नौकरी छोड़ने पर बाध्य कर सकता है ?
प्रश्न: 156154
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार कीप्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
जब आप ने शादी करली है और आप को पता था कि यह औरत नौकरी कर रही है, और आप इससे सहमत थे,और आप ने उसके ऊपर अपनी नौकरी छोड़ने की शर्त नहीं लगाई : तो अब आप को यहअधिकार नहीं है कि अपनी शादी के बाद उसे उस काम को छोड़ने पर मजबूर करें।
‘‘अल-रौज़ुल मुर्बे’’ और उसके फुटनोटमें आया है : ‘‘(उसके (अर्थात पतिके) लिए उसे (यानी पत्नी को) अपने आप को किराये पर देने से रोकने का अधिकार है)क्योंकि इसकी वजह से उसका हक़ फौत हो जायेगा, इसलिए उसका पति की अनुमति के बिना अपने आप को किराये पर देना सही नहीं है, और यदि वह निकाहसे पहले ही अपने आप को किराये पर दे चुकी है तो यह सही है और यह लागू होगा।’’
फुटनोट में कहा है:
‘‘अर्थात किराये परदेना सही है और उसका अनुबंध अनिवार्य हो गया, और पति को उस अनुबंध को निरस्त करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि उसके लाभका मालिक एक ऐसे अनुबंध के द्वार बना जा चुका है जो उसकी शादी से पहले है।’’ इब्ने क़ासिम कीकिताब ‘‘हाशियतुर् रौज़िलमुर्बे’’ (6/444) से अंतहुआ। तथा ‘‘अल-इंसाफ’’ (8/267) देखिए।
तथा शैख ज़करियाअंसारी रहिमहुल्लाह कहते हैं :
‘‘यदि आज़ाद औरत अपनेआप को पति की अनुमति के बिना दूघ पिलाने या उसके अलावा के लिए किराये पर दे दे तोजायज़ नहीं है, इसलिए कि उसका समयउसके हुक़ूक़ में व्यस्त होता है . . . , परंतु उसकी अनुमति के साथ जायज़ है।
और यदि उसने उससेइस हाल में शादी की है कि वह भाड़े पर थी तो पति उसे उस चीज़ को पूरा करने से नहींरोकेगा जिसकी वह प्रतिबद्ध हो चुकी है, ऐसे ही जैसेकि उसने अपने आप को उसकी अनुमति के साथ किराये पर दिया है।’’ अंत हुआ।
‘‘असनल मतालिब’’ (2/409).
इस आधार पर :
पति के लिए यहअधिकार नहीं है कि वह उसके साथ उस शहर से सफर कर जाए जिसमें उसकी पत्नी किसीअनुबंध की प्रतिबद्ध है जिसके बारे में उसे उसके साथ शादी करने से पूर्व जानकारीथी, या उसने उसे इसबारे में अनुमति प्रदान की थी।
‘‘मि-नहुल जलील’’ में है :
‘‘दाया (यानी दूसरेके बच्चे को दूध पिलाने वाली औरत) के पति को उसके साथ दूध पीनेवाले बच्चे के घरवालों के शहर से सफर करने से रोका गया है . . . , और यदि पति दाया को लेकर सफर करना चाहता है : तो यदि उसने अपने पति की अनुमतिसे अपने आप को दूध पिलाने के लिए किराये पर दिया है, तो पति को इसका अधिकार नहीं है। और यदि उसने उसकी अनुमति के बिना किराये परदिया था, तो उसे इसकाअधिकार है, और किराये पर देनेका अनुबंध निरस्त हो जायेगा।’’
‘‘मि-नहुल जलील’’ (7/471) से अंतहुआ।
उपर्युक्त बातोंके आधार पर :
अब मामला आपके औरआपकी पत्नी के बीच है,यदि वह अपनी नौकरी छोड़ने पर सहमत है ताकि वह आपके साथ यात्रा करे, तो अच्छा है। औरयदि वह स्वीकार न करे,तो आपके लिए संभव है कि अपनी पत्नी के निवास और उसके काम की जगह पर कोई उचितकाम तलाश कर लें।
यदि आप ऐसा नहींकरना चाहते हैं और उसे तलाक़ देने पर तत्पर हैं, तो आपको यह अधिकार नहीं है कि उसे उसके उस मह्र से वंचित कर दें जिसे आप नेउसके लिए निर्धारित किया था,और वह अपनी नौकरी न छोड़ने की वजह से अवज्ञाकारी नहीं है ; बल्कि या तो आपउसे रोके रखें, और या तो उसे तलाक़दे दें और उसे उसका हक़ दें और वह निर्धारित मह्र का आधा भाग है। हम अल्लाह तआला सेप्रश्न करते हैं कि वह आपके लिए आपकी पत्नी को सुधार दे और आप दोनों को भलाई परएकत्रति कर दे।
और अल्लाह तआला हीसर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर