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बरेलवी महिला से शादी करने का हुक्म

प्रश्न: 161862

किसी बरेलवी महिला से शादी करने के बारे में आपका क्या विचार है ॽ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

हर प्रकारकी प्रशंसा औरस्तुति केवल अल्लाहके लिए योग्य है।

प्रश्न संख्या(150265) के उत्तर मेंबरेलवी समूह कीकुछ मान्ताओं कावर्णन हो चुकाहै,उन्हीं में सेकुछ मान्यतायेंयह हैं :

– नबी सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमऔर नेक लोगों केबारे में अतिशयोक्ति(ग़ुलू) से काम लेना।

– यह कहना कीनबी सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमही ब्रह्मांड मेंतसर्रूफ करते हैं, औरयह कि आप गैब (परोक्ष)की चीज़ों को जानतेहैं और आप से कोईचीज़ गायब और पोशीदानहीं है।

– वे क़ब्रोंकी परिक्रमा करतेऔर उसके गिर्दचक्कर लगाते हैं, तथामृतकों से आपदाओंमें मदद मांगतेहैं . . .

वास्तविकतायह है कि ये आस्थायेंव मान्यतायें औरकार्य कुफ्र, औरइस्लाम से निष्कासनहैं।

यदि महिलाये आस्थायें औरमान्यतायें रखतीहै तो वह मुसलमाननहीं है, और उसकानिकाह वैद्ध नहींहै,क्योंकि अल्लाहसर्वशक्तिमानका फरमान है :

وَلَا تَنْكِحُوا الْمُشْرِكَاتِ حَتَّىيُؤْمِنَّ وَلَأَمَةٌ مُؤْمِنَةٌ خَيْرٌ مِنْ مُشْرِكَةٍ وَلَوْ أَعْجَبَتْكُمْوَلَا تُنْكِحُوا الْمُشْرِكِينَ حَتَّى يُؤْمِنُوا وَلَعَبْدٌ مُؤْمِنٌ خَيْرٌمِنْ مُشْرِكٍ وَلَوْ أَعْجَبَكُمْ أُولَئِكَ يَدْعُونَ إِلَى النَّارِ وَاللَّهُيَدْعُو إِلَى الْجَنَّةِ وَالْمَغْفِرَةِ بِإِذْنِهِ وَيُبَيِّنُ آيَاتِهِلِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ يَتَذَكَّرُونَ [ البقرة : 221]

और मुशरिक(बहुदेववादी) औरतोंसे उस वक्त तक शादीन करो जब तक कि वेईमान न ले आयें।ईमान वाली लौंडी(दासी) एक मुशरिक(आज़ाद) औरत से बहेतरहै,अगरचे वह तुम्हेंअच्छी ही लगे, औरअपनी औरतों कोमुशरिक मर्दोंके निकाह (विवाह)में न दो यहाँ तककि वे ईमान ले आयें, ईमानदारगुलाम (मुसलमानदास),आजाद मुशरिक सेअधिक अच्छा हैअगरचे वे तुम्हेंभले ही लगें, येलोग जहन्नम कीओर बुलाते हैंऔर अल्लाह तआलाअपने हुक्म सेजन्नत की तरफ बुलाताहै,और वह अपनी निशानियाँलोगों के लिए बयानकर रहा है, ताकिवे नसीहत हासिलकरें।” (सूरतुल बक़रा: 221)

सअ्दी रहिमहुल्लाहने फरमाया :

“अर्थात् मुशरिक(अनेकेश्वरवादी)महिलाओं से शादीन करो जब तक वे अपनेशिर्क पर बाक़ीहैं यहाँ तक किवे ईमान ले आयें, इसलिएकि विश्वासी महिलाचाहे वह कितनीकी कुरूप् क्योंन हो,वह शिर्क वालीमहिला से बेहतरहै चाहे वह कितनीही सुंदर क्योंन हो। और यह हुक्मसभी मुशरिक औरतोंके लिए सर्वसामान्य(आम) है, और सूरतुलमायदा की आयत नेउसे विशिष्ट करदिया है, अहलेकिताब यानी यहूदव नसारा की औरतोंसे शादी को वैद्धठहराया है, जैसाकिअल्लाह तआला काफरमान है:

وَالْمُحْصَنَاتُمِنَ الَّذِينَ أُوتُوا الْكِتَابَ[المائدة :5]

“औरजो लोग किताब दियेगये हैं उनकी पाकदामनऔरतें भी तुम्हारेलिए हलाल हैं . . . ” (सूरतुलमायदाः 5)अंत हुआ।

तफसीर सअदी(पृष्ठ 99)

तथा अधिकलाभदायक जानकारीके लिए देखिये: प्रश्न संख्या:(85370) और (91983) के उत्तर।

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

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