भ्रूण मेरे पेट में मर गया और मुझे उसके बारे में 11 सप्ताह और 6 दिन बीतने के बाद पता चला, किंतु मुझे उसकी मौत का निश्चित समय ज्ञात नहीं है, यहाँ तक कि डॉक्टर भी उसकी मौत का निश्चित समय निर्धारित नहीं कर सके। अब मेरे पास केवल दो विकल्प है : या तो उसे सर्जरी के द्वारा बाहर निकाला जाए, या मैं उसके स्वभाविक रूप से बाहर निकलने तक सब्र करूँ, तो इस्लाम की दृष्टि से क्या चीज़ सर्वश्रेष्ठ है ॽ तथा उसके निकलने पर मैं क्या करूँ, क्या मैं उसका नाम रखूँ ॽ और उस से संबंधित धार्मिक प्रावधान (अहकाम) क्या हैं ?
यदि 11 सप्ताह के बाद भ्रूण की मौत के बारे में पता चला तो क्या उसके बाहर निकलने पर उसका जनाज़ा पढ़ा जायेगा और उसका नाम रखा जायेगा ॽ
Question: 163004
Praise be to Allah, and peace and blessings be upon the Messenger of Allah and his family.
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाहके लिए है।
सबसे पहले :
इस समय भ्रूण को बाहर निकालने या न निकालनेके मामले में भरोसेमंद डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा जो आपकी स्थिति की वास्तविकताका अनुमान लगा सकता है,लेकिन यदि मृत भ्रूण का आप के पेट में बाक़ीरहना आपको नुकसान नहीं पहुँचाता है,तो आप सब्र करें और सर्जरी का सहारा न लें,क्योंकि असल (मूल सिद्धांत)बिना आवश्यकता के शरीर को हानि न पहुँचाना और सुन्न करने वाली दवा का प्रयोग न करनाहै।
इब्ने हज़्म रहिमहुल्लाह ने फरमाया : “उन्हों ने इस बात पर इत्तिफाक़ किया है कि किसी के लिए अपने आपको क़त्ल करना,या अपने अंगों में से किसी अंग को काटना,या अपने आप को कष्ट और पीड़ा पहुँचाना जाइज़ नहीं है,सिवाय उपचार के अंदरविशिष्ट रूप से पीड़ा से ग्रस्त अंग को काटने के अलावा।” किताब “मरातिबुल इजमाअ” (पृष्ठ : 157) से समाप्त हुआ।
दूसरा :
जब भ्रूण बाहर निकले तो उसे एक कपड़े में लपेटकर दफना दिया जायेगा,न उसे स्नान दिया जायेगा न उस पर जनाज़ा की नमाज़पढ़ी जायेगी, तथा न उसका नाम रखा जायेगा और न उसकी ओर से अक़ीक़ा किया जायेगा,क्योंकि ये सभी अहकाम (प्रावधान) केवल उस भ्रूण के लिए साबित होते हैं जिसमें रूह(प्राण) फूँक दी गयी हो,और गर्भावस्था पर चार महीने बीतने के बाद हीभ्रूण में रूह फूँकी जाती है।
यदि मान लिया जाये कि भ्रूण के बाहर निकलनेमें देरी हो गई यहाँ तक कि चार महीना बीत गया, तब भी पिछले प्रावधानों में से कोई धर्मसंगत नहीं होगा ;यदि इस समय उसकी मौत ज्ञात और सत्यापित है।
तथा प्रश्न संख्या : (13198) और (71161)का उत्तर देखें।
तीसरा :
इस भ्रूण के साथ जो खून निकलता है वह निफास(प्रसव) का खून है,क्योंकि यदि भ्रूण अस्सी दिन के बाद गिर जाएतो उसके साथ निकलने वाला खून प्रसव का खून होता है। तथा प्रश्न संख्या : (12475)देखें।
और अल्लाह तआला ही सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखता है।
चिकित्सा
Source:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर