लंबित क़समों के कारण बीस वर्ष के बाद मुझे तलाक़ दे दी गई, लेकिन मैं जानकारी चाहती हूँ ताकि इंतिज़ार न करूँ। पहली तलाक़ के समय उसने – जबकि वह गुस्से में था और जो कुछ कह रहा था उसे समझ रहा था – कहा: “तुम्हें तलाक़ है”, दूसरी तलाक़ लंबित क़सम थी : “यदि तुम घर से निकली तो तुम्हें तलाक़ हो जायेगी”, और मैं घर से निकली थी, जबकि मुझे उसकी नीयत के बारे में याद नहीं है। तीसरी तलाक़ उस समय की है जब मैं उसके मेरे साथ विश्वासघात करने की वजह से टूटी हुई थी और मैं ने उससे टेलीफोन पर बात किया कि यदि तुम मुझे तलाक़ नहीं दोगे तो मैं तुम्हारे बच्चों को क़त्ल कर दूँगी, मेरे पति के कहने के अनुसार उसने अपने मन में कहा : अल्लाह की क़सम ! मैं तलाक़ की नीयत नहीं रखता हूँ, अल्लाह की क़सम ! मैं तलाक़ की नीयत नहीं रखता हूँ, अल्लाह की क़सम ! मैं तलाक़ की नीयत नहीं रखता हूँ, और मुझे ठंडा करने के लिए उसने बोल दिया कि “तुम्हे तलाक़ है”, वह अपने बच्चों पर भय महसूस कर रहा था, क्योंकि मेरी स्थिति साधारण नहीं थी, चौथी तलाक़ लंबित क़सम थी : “यदि तुम ने हमारी समस्याओं के बारे में किसी से दुबारा शिकायत की तो तुम्हें तलाक़ होगी”, और मुझे याद नहीं कि मैं ने किसी से शिकायत की थी, पाँचवी तलाक़ : मैं सोई हुई थी और उसने मेरी बेटी पर क़सम खाई कि : “यदि तेरी माँ ने तेरे लिए दरवाज़ा खोला और तुझे अंदर दाखिल कर लिया तो उसे तलाक़ होगी”, और मेरी बेटी ने मेरे दरवाज़ा खोलने के बाद मुझे सूचित किया, और उसका कहना था कि उसकी नीयत धमकी की थी, अंतिम तलाक़ : उसने मेरे ऊपर क़सम खाई कि “मैं आज अपने पिता के पास अपने देश में यात्रा कर जाऊँ और अगर मैं ने यात्रा नहीं किया तो मैं तलाकशुदा हो जाऊँगी”, और मैं ने यात्रा नहीं किया, और उसकी नीयत तलाक़ की थी।
मुझे अवगत करायें ; क्योंकि मेरा पति अपने बेटों और अपने परिवार के जीवन के प्रति लापरवाह है, जबकि वह एक बड़ी शैक्षिक डिग्री रखता है, किंतु उसे मुझसे घृणा हो गई है और शादी के बाद उसका आचार व व्यवहार मेरे साथ बदल गया है, मैं ने बच्चों के कारण उसकी घृणापूर्ण और नफरत भरे बर्ताव के बावजूद सब्र से काम लिया, अब यह सब कुछ होने के बाद वह घर नहीं आता है और बिरले ही हमारे बारे में पूछता है, मुझे इस बारे में सलाह और जानकारी दें। ज्ञात रहे कि वह मुझे लौटाना नहीं चाहता है, और यदि मैं लौट गई तो निलंबित जीवन व्यतीत करना पड़ेगा जिस तरह कि उसके मुझसे शादी करने के बाद मेरी हालत थी।
उसे विभिन्न अवसरों पर पाँच बार तलाक़ दे दी
प्रश्न: 181583
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकारकी प्रशंसा औरगुणगान केवल अल्लाहके लिए योग्य है।
सर्व प्रथम:
हम इस बात परचेतावनी देते हैंकि उपर्युक्त तलाक़ोंमें से केवल वहीतलाक़ें पड़ेंगींजिनके बारे मेंकिसी शरई अदालतने फैसला दे दियाहै, या आप ने उनकेबारे में किसीविश्वस्त विद्वानसे फत्वा पूछाहै और उसने तलाक़पड़ने का फत्वादिया है।
दूसरा :
यदि इन तलाक़ोंके बारे में किसीअदालत का फैसलानहीं है, या इसकेबारे में कोई फत्वानहीं पूछा गयाहै, तो मेरे लिएजो बात स्पष्टऔर प्रत्यक्ष होतीहै वह निम्नलिखितहै :
पहली तलाक़: यदि तलाक़ सख्तगुस्से की हालतमें हुई है और उसेतलाक़ देने पर गुस्सेने ही उभारा हैऔर यदि गुस्सान होता तो वह तलाक़न देता, तो राजेह(उचित) कथन के अनुसारतलाक़ नहीं पड़ेगीभले ही पति गुस्सेकी हालत में जोकह रहा था उसे समझताथा। तथा प्रश्नसंख्या (45174) का उत्तरदेखें।
दूसरी तलाक़: यह लंबित तलाक़में से है, और उसमेंपति की नीयत कोदेखा जायेगा, यदिउसने तलाक़ की नीयतकी है तो एक तलाक़हो जायेगी, और यदिउसने धमकी और रोकनेकी नीयत की थी तोउसके ऊपर क़सम काकफ्फारा अनिवार्यहै, और यदि वह अपनीनीयत भूल गया हैतो तलाक़ हो जायेगी।
तीसरी तलाक़: यदि पति वास्तवमें इस बात से डररहा था कि तुम बच्चोंको मार डालो गीया उन्हें स्पष्टनुक़सान पहुँचाओगी, तो उसकी तलाक़नहीं पड़ेगी ; क्योंकिवह मजबूरी का तलाक़है।
चौथी तलाक़: लंबित तलाक़ मेंसे है, और वह नहींपड़ेगी सिवाय इसकेकि आप उपने समस्याओंकी किसी से शिकायतकर दें और पति अपनीबात से तलाक़ कीइच्छा रखता था।
पाँचवी तलाक़: लंबित तलाक़ मेंसे है, और उस से पतिकी नीयत तलाक़ कीथी, अतः वह तलाक़हो जायेगी।
इस आधार पर: पहली तलाक़ के साथगुस्से की मुद्राकी जानकारी केद्वारा उसके हुक्मका पता चल जाताहै।
तथा पति केपास जाकर और उसकीनीयत के बारे मेंपूछकर दूसरी तलाक़का हुक्म जानाजा सकता है।
इसी तरह उससे जानकारी करकेतीसरी तलाक़ काहुक्म जाना जासकता है।
यदि अंतिमतलाक़ के बाद पतिने आपको नहीं लौटायाहै, और आपकी इद्दतसमाप्त हो गई, तोयह आप दोनों केबीच जुदाई हो गई,और वह आपके पासएक नये शादी केअनुबंध के द्वाराही लौट सकता हैबशर्ते कि वह तलाक़जो आपके ऊपर पड़ीहै तीसरी तलाक़न हो।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर