डाउनलोड करें
0 / 0
96917/05/2014

मुअज़्ज़िन की विशेषताएँ

प्रश्न: 196257

नमाज़ के लिए बुलाने (अज़ान देने) के लिए कौन अधिकृत हैॽ अर्थात् : इस कार्य की ज़िम्मेदारी किसके कंधों पर हैॽ क्या कोई विशिष्ट व्यक्ति है जिसे ऐसा करना चाहिए?

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

पहल बात :

अज़ान के लिए यह शर्त नहीं है कि वह किसी विशिष्ट व्यक्ति द्वारा दी जानी चाहिए। यदि कोई मुसलमान व्यक्ति नमाज़ के लिए अज़ान देता है, तो उस स्थान के लोगों की ओर से अज़ान देने का सांप्रदायिक दायित्व समाप्त हो जाता है; क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान है : “तुम में से कोई तुम्हारे लिए अज़ान दे और तुममें से सबसे बड़ा तुम्हारी इमामत कराए। इसे बुखारी (हदीस संख्या : 628) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 674) ने रिवायत किया है।

दूसरी बात :

विद्वानों रहिमहुमुल्लाह ने मुअज़्ज़िन के लिए कुछ शर्तों का उल्लेख किया है जिनका पाया जाना ज़रूरी है और कुछ वांछनीय गुणों का उल्लेख किया है जिनका ध्यान रखना चाहिए।

उन शर्तों में से जिनके बिना अज़ान मान्य नहीं है, यह है कि मुअज़्ज़िन एक समझदार, पुरुष मुसलमान होना चाहिए।

इब्ने क़ुदामा रहिमहुल्लाह ने फरमाया : “अज़ान केवल एक समझदार, पुरूष मुसलमान के द्वारा ही सही (मान्य) है। जहाँ तक काफ़िर और पागल का सवाल है, तो यह उन दोनों से सही नहीं है; क्योंकि वे इबादत करने वालों में से नहीं हैं। और औरत का अज़ान मायने नहीं रखता, क्योंकि वह उन लोगों में से नहीं है जिनके लिए अज़ान देना धर्मसंगत है…, और हम इसके बारे में कोई मतभेद नहीं जानते हैं।”  “अल-मुग़नी” (1/249) से उद्धरण समाप्त हुआ।

जहाँ तक वांछित गुणों (​​मुस्तहब चीज़ों) का संबंध है, तो मुअज़्ज़िन के लिए मुस्तहब (वांछनीय) है कि वह अच्छी आवाज़ वाला, अमानतदार व भरोसेमंद, नमाज़ के समय का ज्ञान रखने वाला और वयस्क हो।

इब्ने क़ुदामा रहिमहुल्लाह ने फरमाया : मुअज़्ज़िन के लिए भरोसेमंद, अमानतदार और वयस्क होना वांछनीय है; क्योंकि उसपर भरोसा किया गया है (वह भरोसे की स्थिति में है) नमाज़ और रोज़ा के संबंध में उसे संदर्भ समझा जाता है। इसलिए यदि वह इन विशेषताओं और गुणों वाला नहीं है, तो संभावना है कि वह उन्हें अपने अज़ान के द्वारा धोखा दे। तथा चूँकि वह एक उच्च स्थान से अज़ान देता है, इसलिए सत्र एवं परदे की चीज़ों को देखना उससे सुरक्षित नही है।” “अल-मुग़्नी” (1/249) से उद्धरण समाप्त हुआ।

“अल-मौसूआ अल-फ़िक़्हिय्या” (2/368) में आया है : “मुअज़्ज़िन के लिए किन विशेषताओं से सुसज्जित होना वांछनीय है : उसके लिए अमानतदार व भरोसेमंद होना वांछनीय है ; क्योंकि वह समय के प्रति अमीन (विश्वस्त व भरोसेमंद) है, तथा सत्र एवं परदे की चीज़ों को देखने से उसकी निगाहें सुरक्षित हों। तथा फ़ासिक़ (अवज्ञाकारी) की अज़ान सही है लेकिन वह मक्रूह (नापसंदीदा) है …, तथा यह वांछनीय है कि वह एक सुंदर आवाज़ वाला हो ; क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अब्दुल्लाह बिन ज़ैद से कहा : (बिलाल के साथ खड़े हो जाओ, और तुमने (सपने में) जो कुछ देखा है उसे बताओ, क्योंकि उसकी आवाज़ तुमसे अधिक मधुर है), और क्योंकि वह लोगों तक अपनी आवाज़ पहुँचाने में अधिक सक्षम है…, तथा यह वांछनीय है कि वह नमाज़ के समय के बारे में जानकारी रखने वाला हो ; ताकि वह उसकी निगरानी कर सके और नमाज़ का समय शुरू होते ही अज़ान दे सके। यहाँ तक कि देखनेवाला अंधे से अच्छा है, क्योंकि जो अंधा है वह नहीं जानता कि नमाज़ का समय कब शुरू होता है।” मा'मूली संशोधन के साथ उद्धरण समाप्त हुआ।

हालाँकि, यहाँ इस तथ्य पर ध्यान दिया जाना चाहिए कि यदि मस्जिद में एक नियमित मुअज़्ज़िन है, तो किसी को भी अधिकार नहीं है कि अज़ान देने के उसके अधिकार पर वाद-विवाद करे, या उसपर ज़्यादती करे, ताकि उसके बजाय वह (ख़ुद) अज़ान कह सके, सिवाय इसके उसकी अनुमति हासिल हो जाए।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android
at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android