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1,64429/रजब/1442 , 13/मार्च/2021

मोबाइल क्रेडिट किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर करने के एवज़ फीस लेने का क्या हुक्म हैॽ

Question: 230184

किसी व्यक्ति को पाँच डॉलर की क्रेडिट हस्तांतरित करने का क्या हुक्म है, इस आधार पर कि यह एक ऋण है, इस शर्त पर कि दूसरा व्यक्ति, शुल्क के तौर पर, उस क्रेडिट को जो उसे हस्तांतरित किया गया है, एक डॉलर की अतिरिक्त क्रेडिट के साथ वापस

Answer

Praise be to Allah, and peace and blessings be upon the Messenger of Allah and his family.

प्रश्न संख्या : (220237) के उत्तर में उल्लेख किया जा चुका है कि मोबाइल कार्ड में उपलब्ध राशि (क्रेडिट) उस लाभ का प्रतिनिधित्व करती है जो कंपनी से खरीदा गया है।

इसलिए कार्ड में उपलब्ध क्रेडिट किसी अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर करने के दो तरीक़े हैं :

पहला तरीक़ा :

यह है कि वह बेचने के तौर पर हो अर्थात उस क्रेडिट को बेचा जाए। इस स्थिति में, जिसके पास फोन का क्रेडिट है, उसके लिए अपने क्रेडिट को, उसी मूल्य पर, या उससे कम या उससे अधिक मूल्य पर, किसी दूसरे को बेचने में कोई हर्ज नहीं है। क्योंकि यह "लाभ बेचने" के शीर्षक के अंतर्गत आता है। और यह एक नकदी (मुद्रा) को उसी के समान नकदी (मुद्रा) के साथ बेचना नहीं है, ताकि उसमें समानता की शर्त लगाई जाए।

तथा इफ़्ता की स्थायी समिति से प्रीपेड फोन कार्ड को उनके अंकित मूल्य से अधिक (मूल्य पर) बेचने के बारे में पूछा गया।

तो उसका जवाब यह था : “इस प्रकार के फोन कार्ड को खरीदने और बेचने में कोई आपत्ति नहीं है; क्योंकि वास्तव में यह एक अनुमेय लाभ को बेचना है।”

“फतावा अल-लज्नह अद्-दाईमह” (11/46) से उद्धरण समाप्त हुआ।

तथा प्रश्न संख्या : (103185), (132581) के उत्तर भी देखें।

दूसरा तरीक़ा :

यह है कि यह हस्तांतरण (ट्रांसफर) ऋण के तौर पर किया जाए।

तो इसकी वैधता के संबंध में मतभेद है; इस आधार पर कि किसी वस्तु के लाभ को उधार देने के हुक्म के विषय में विद्वानों के बीच मतभेद पाया जाता है। इस मामले में सबसे निकट बात यह है कि इसमें कुछ भी हर्ज नहीं है।

शैखुल-इस्लाम इब्ने तैमिय्यह रहिमहुल्लाह कहते हैं :

“लाभों को ऋण देना जायज़ है, जैसे कि कोई आदमी एक दिन किसी दूसरे आदमी के साथ फसल की कटाई करे और दूसरा आदमी (भी) उसके साथ एक दिन फसल की कटाई करे। या वह उसे किसी घर में ठहराए, ताकि दूसरा भी उसके बदले उसे घर में ठहराए।”

“अल-फतावा अल-कुब्रा” (5/394) से उद्धरण समाप्त हुआ।

इस स्थिति में, क्रेडिट के मालिक के लिए उधारकर्ता पर यह शर्त लगाना जायज़ नहीं है कि वह उसे हस्तांतरित किए गए क्रेडिट से कुछ अधिक वापस भुगतान करेगा। बल्कि वह उसे उतना ही क्रेडिट वापस लौटाएगा, जितना कि उसने उससे लिया था। क्योंकि हर वह ऋण जो लाभ लाता है, वह रिबा (सूद, ब्याज) है।

इब्ने क़ुदामह रहिमहुल्लाह ने कहा : “हर वह ऋण जिसमें यह शर्त लगाई जाती है कि वह कुछ बढ़ाकर भुगतान करेगा, वह हराम (निषिद्ध) है, इसके बारे में विद्वानों के बीच कोई मतभेद नहीं है।”

“अल-मुग़्नी” (6/436) से उद्धरण समाप्त हुआ।

लेकिन आप लोगों के लिए ऐसा करना जायज़ है कि ऋण का भुगतान करते समय उस क्रेडिट से लाभान्वित होने के बदले में नकद पैसे देने के लिए सहमत हो जाएँ। और यह ऋण को उसके जिन्स (वर्ग) के अलावा किसी अन्य चीज़ के साथ चुकाने के शीर्षक के अंतर्गत आएगा। लेकिन इस स्थिति में यह शर्त है कि भुगतान किया जाने वाला पैसा, भुगतान के दिन फोन कार्ड के क्रेडिट के मूल्य के बराबर होना चाहिए।

तथा प्रश्न संख्या : (99642) का उत्तर भी देखें।

ये दोनों मामले (बिक्री और ऋण) स्वरूप में एक-दूसरे के समान हैं, लेकिन उनके बीच का अंतर लेन-देन करने वाले दोनों पक्षों की मंशा के अनुसार निर्धारित होता है कि क्या उनका इरादा बेचने का या ऋण देने का हैॽ

निष्कर्ष :

यह है कि (फोन कार्ड के) क्रेडिट को उससे अधिक मूल्य की नकदी के साथ बेचना जायज़ है। लेकिन ऋण की स्थिति में, उसी के समान क्रेडिट के रूप में लौटाना अनिवार्य है।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

Source

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

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