0 / 0
4,5204/रजब/1440 , 11/मार्च/2019

सूअर का मांस खरीदना और उसे गैर-मुस्लिमों को खिलाना जायज़ नहीं है।

pregunta: 245688

उस व्यक्ति का क्या हुक्म है जिसने अपने पैसे से थोड़ा सा सूअर का मांस खरीदा और उसे गैर-मुस्लिमों को खिला दिया, तथा उस आदमी का क्या हुक्म है जिसने ऐसा केवल एक बार किया हैॽ

Texto de la respuesta

Alabado sea Dios, y paz y bendiciones sobre el Mensajero de Dios y su familia.

यह कार्य जो मुसलमान ने किया हैः हराम (निषिद्ध) है, उसके हराम होने में कोई संदेह नहीं है। क्योंकि बुखारी (हदीस संख्या : 2236) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1581) ने जाबिर बिन अब्दुल्लाह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है किः उन्हों ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) को (मक्का पर) विजय के वर्ष, जबकि आप मक्का में थे, यह फरमाते हुए सुना : "अल्लाह और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने शराब, मृत, सुअर और मूर्तियों की बिक्री को निषिद्ध (हराम) ठहराया है।''

और चाहे वह उसे अह्ले किताब (यहूदी या ईसाई) को खिलाये, या उसे कुत्तों को खिलाये, या उसे किसी को भी न खिलाए; सूअर की बिक्री और खरीद निषिद्ध है और उसकी क़ीमत भी हराम है।

इब्नुल-मुंज़िर रहिमहुल्लाह ने कहा : ''विद्वानों ने इस बात पर सर्वसहमति व्यक्त की है कि सुअर का बेचना और उसे खरीदना हराम है।''

"अल-औसत" (10/20) से समाप्त हुआ।

इब्ने बत्ताल रहिमहुल्लाह ने कहा : ''विद्वानों ने इस बात पर सर्वसहमति व्यक्त की है कि सुअर का बेचना और उसे खरीदना हराम है।''

''शर्ह सहीह अल-बुखारी'' (6/344) से उद्धरण समाप्त हुआ।

जहाँ तक उसके खाने का मुद्दा हैः तो यह एक अन्य निषेध है, जिसका निषिद्ध होना अल्लाह की किताब, उसके रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत और मुसलमानों की सर्वसहमति से सर्वज्ञात है।

जहाँ तक उस व्यक्ति का संबंध है जिसने ऐसा किया है, चाहे उसने एक बार किया हो या अधिकः उसके ऊपर अनिवार्य है कि अल्लाह सर्वशक्तिमान से विशुद्ध पश्चाताप (सच्ची और पक्की तौबा) करे और उससे जो कुछ अतीत में हो चुका है उससे क्षमा याचना करे, और उस तरह के काम दोबारा न करे। तथा अल्लाह के धर्म के बारे में किसी से मुदाहनत (समझौता, चाटुकारिता) न करे, न किसी मनुष्य की प्रसन्नता प्राप्त करे, और ऐसी चीज़ के द्वारा उसके साथ दोस्ती न दिखाए जिसमें अल्लाह महिमावान की अवज्ञा हो।

तथा अगर वह किसी मुसलमान या काफिर को खाना खिलाना चाहता हैः तो वह उसे हलाल व पवित्र चीज़ से खिलाए और उसे हलाल व पाक चीज़ से पिलाए, और वह उसका अल्लाह महिमावान की अवज्ञा करने में सहयोग न करे, तथा वह दूसरों को खिलाने या पिलाने के लिए स्वयं अपने पालनहार की अवज्ञा न करे।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

Origen

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android