हाथ के इशारे (संकेत) से सलाम करने का क्या हुक्म है ?
हरप्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
संकेतके द्वारा सलाम करना जायज़ नहीं है, बल्कि सुन्नत का तरीक़ा यह है कि कलाम के द्वारासलाम की शुरूआत की जाए और उसी के द्वारा उसक जवाब दिया जाए। जहाँ तक संकेत और इशारेके द्वारा सलाम करने का प्रश्न है, तो यह जायज़ नहीं है ; क्योंकि यह इस संबंध में कुछकाफिरों के साथ समानता है, और इसलिए कि यह अल्लाह की शरीअत के विरूद्ध है, लेकिन अगरउसने उस व्यक्ति की ओर जिसे सलाम कहना है अपनी ज़ुबान से सलाम बोलने के साथ साथ अपनेहाथ से संकेत कर दिया ताकि उसे दूर होने की वजह से सलाम को समझा सके, तो इस बारे मेंकोई आपत्ति की बात नहीं है ; क्योंकि ऐसी चीज़ वर्णित है जो इस पर तर्क देती है, इसीतरह यदि जिसे सलाम किया गया है वह नमाज़ में व्यस्त है तो वह संकेत के द्वारा सलाम काजवाब देगा, जैसा कि इस संबंध में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से सही हदीस प्रमाणितहै।