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16,54916/जुम्डा द्वितीय/1434 , 26/अप्रैल/2013

ताश खेलने के निषेध का कारण

Pergunta: 321

इस्लाम ने ताश (पत्ता) खेलना क्यों निषिध ठहराया है ?

Texto da resposta

Louvado seja Deus, e paz e bênçãos estejam sobre o Mensageiro de Deus e sua família.

इस्लाम ने ताश खेलना निम्नलिखित कारणों से हराम (निषिध) ठहराया है :

1- समय को ऐसी चीज़ में नष्ट करना जो लोक परलोक (दुनिया व आखिरत) में उपयोगी नहीं है।

2- खेल का जुआ के विचार पर आधारित होना, और यह उस नर्द (चौसर की तरह का एक खेल) के विचार के समान है जिसे शरीअत ने निश्चित रूप से हराम ठहराया है जैसाकि सहीह हदीस में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से वर्णित है कि आप ने फरमाया : “जिसने नर्दशेर का खेल खेला तो गोया उसने अपने हाथ को सुअर के मांस और खून में डुबोया।” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 2260) ने रिवायत किया है, और जो व्यक्ति जुआ के समान खेलों को अधिक से अधिक खेलेगा तो यह उसे निषिद्ध जुआ खेलने के बारे में नर्मी से काम लेने की तरफ घसीट लेगा।

3- खेल का प्राणियों (बच्चा, लड़की . .) की छवियों और चित्रों पर आधारित होना।

4- खिलाड़ियों के बीच दुश्मनी और द्वेष का पैदा होना और यह सर्वज्ञात और अनुभव सिद्ध बात है।

5- धोखाधड़ी और छल का पैदा होना।

6- यह अल्लाह की याद (स्मरण) और नमाज़ से गाफिल कर देता है, और यदि मान लिया जाए कि वे लोग नमाज़ को उसके समय पर और मस्जिद में लोगों की जमाअत के साथ अदा करते हैं, तो वे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की इस हदीस से कैसे बाहर निकल सकते हैं : “हर वह चीज़ जो अल्लाह के ज़िक्र में से नहीं है तो वह खेल कूद है सिवाय चार चीज़ों के : आदमी का अपनी पत्नी के साथ खेलकूद करना, आदमी का अपने घोड़े को सिधाना (अनुशासित करना), आदमी का दो निशानों के बीच चलना (अर्थात तीर अंदाज़ी – शूटिंग – पर प्रशिक्षण) और आदमी का तैराकी सिखाना।” इसे तबरानी ने रिवायत किया है और अल्बानी ने सहीहुल जामे (हदीस संख्या : 4534) में सहीह कहा है।

तथा वे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की इस हदीस में क्योंकर न दाखिल होंगे कि : ‘‘जो लोग भी किसी ऐसी सभा से उठते हैं जिस में वे अल्लाह को याद नहीं करते हैं तो वे गधे के शव जैसी चीज़ से उठते हैं, और यह उनके लिए अफसोस (खेद) का कारण होगा।” तथा इमाम अहमद की एक रिवायत के शब्द यह हैं कि : “यह सभा परलोक के दिन उनके लिए अफसोस का कारण होगी।” सहीहुल जामे हदीस संख्या : 5508.

तथा समकालीन विद्वानों में से कई एक ने ताश (पत्ते) खेलने के हराम (निषिद्ध) होने का फत्वा दिया है जैसे आदरणीय शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन बाज़, शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन, शैख अब्दुल्लाह बिन जिब्रीन और इनके अलावा अन्य विद्वान।

इस्लाम प्रश्न और उत्तर

A Fonte

शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

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