यदि किसी व्यक्ति पर ऋण के रूप में दूसरे का हक़ हो। और वर्तमान समय में उसकी क्षमता लोगों के हुक़ूक़ को वापस लौटाने की अनुमति न देती है, जबकि उसकी इच्छा सक्षम होने पर उन हुक़ूक़ को लौटाने की है। ज्ञात रह कि उन अधिकारों (ऋण) के मालिक उसके साथ उसी शहर मे उपस्थित नहीं हैं। अगर वह उदाहरण के तौर पर कुछ धन प्राप्त करता है और वह अपने ऊपर फित्ने से डर रहा है और शादी करना चाहता है। तो क्या वह पहले शादी करेगा या लोगों के हुक़ूक़ वापिस करेगा ?
क्या क़र्ज़ का भुगतान करने पर शादी को प्राथमिकता देगा
प्रश्न: 33700
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
लोगों के हुक़ूक़ जैसे ऋण आदि को लौटाने को शादी पर प्राथमिकता दी जाएगी। हाँ, यदि ऋण दाता उसे अपने ऋण का भुगतान करने से पहले शदी करने की अनुमति प्रदान कर दें, तो ऐसी स्थिति में उसके लिए यह जायज़ है।
रही बत उसके अपने ऊपर फित्ने से डरने की, तो उसे चाहिए कि अपने नफ्स की सुरक्षा के लिए वह रोज़ा रखे, जैसा कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान है :
‘‘ऐ नवजवानों की जमाअत! तुम में से जो शादी करने की ताक़त रखता है वह शादी करे। क्योंकि यह शरमगाह की सबसे अधिक हिफाज़त करने वाली और निगाहों को अधिक नीचे रखने वाली है, और जो व्यक्ति इसकी ताकत न रखे तो उसे रोज़ा रखना चाहिए। क्योंकि यह उसकी कामवासना को दबाने वाला है।’’ सहीह बुखारी व सहीहमुस्लिम।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ देने वाला है।
स्रोत:
इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति 14/39