डाउनलोड करें
0 / 0

फज्र से पहले खाने पीन से रूक जाने के बिदअत होने पर आपत्ति करना सही नहीं है।

प्रश्न: 38068

प्रश्न संख्या 12602 के संबंध में आप ने कहा है कि फज्र से पाँच मिनट पहले खाने पीने से रूक जाना बिदअत समझा जायेगा। जबकि मुझे बुखारी में एक हदीस मिली है जिसे अनस रज़ियल्लाहु अन्हु ने रिवायत किया है कि : ''ज़ैद बिन साबित रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कि हम ने अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ सेहरी किया फिर आप नमाज़ के लिए खड़े हुए। तो मैं ने उनसे पूछा कि सेहरी और अज़ान के बीच कितना समय था। तो उन्हों ने कहा कि इतना समय जो पचास आयतें पढ़ने के लिए काफी होता।''
पचास आयतें पढ़ने में 5 से 10 मिनट तक का समय लगेगा, हो सकता है इससे अधिक भी लग जाए। तो फिर फज्र से पाँच मिनट पहले खाने पीने से रूक जाना बिदअत कैसे हो जायेगा?

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

बुखारी (हदीस संख्या : 1921) ने अनस रज़ियल्लाहु अन्हु के माध्यम से साबित रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि उन्हों ने कहा कि हम ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ सेहरी किया फिर आप नमाज़ के लिए खड़े हुए। मैं ने पूछा कि सेहरी और अज़ान के बीच कितना अंतर था तो उन्हों ने कहा कि पचास आयतों के बराबर।

इस हदीस से पता चलता है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सेहरी करने का समय अज़ान से इतना समय पहले था। इसमें यह बात नहीं है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फज्र से इतना समय पहले रोज़े की शुरूआत की और खाने पीने से रूक गए। क्योंकि सेहरी के समय के बीच और खाने पीने से रूक जाने के समय के बीच अंतर और फर्क़ है। और अल्लाह की कृपा से यह बात स्पष्ट है। जैसे कि आप कहते हैं कि मै ने फज्र से पहले दो बजे सेहरी की, तो इसका मतलब यह नहीं होता है कि आप ने इस समय रोज़ा शुरू किया है। बल्कि यह केवल सेहरी के समय के बारें सूचना देना है।

ज़ैद बिन साबित रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस से यह बात निकल कर सामने आती है कि सेहरी को विलंब करना (अर्थात अंतिम समय में सेहरी करना) मुसतहब (ऐच्छिक) है, न कि फज्र से एक अवधि पहले खाने पीने से रूक जाना मुस्तहब (ऐच्छिक) है।

अल्लाह तआला ने रोज़ा की नीयत रखने वाले के लिए खाना पीना जायज़ ठहराया है यहाँ तक कि फज़्र के उदय होने का यक़ीन हो जाए। अल्लाह तआला ने फरमाया :

وَكُلُوا وَاشْرَبُوا حَتَّى يَتَبَيَّنَ لَكُمُ الْخَيْطُ الْأَبْيَضُ مِنَ الْخَيْطِ الْأَسْوَدِ مِنَ الْفَجْرِ ثُمَّ أَتِمُّوا الصِّيَامَ إِلَى اللَّيْلِ [البقرة : 187].

''तुम खाते पीते रहो यहाँ तक कि प्रभात का सफेद धागा रात के काले धागे से प्रत्यक्ष हो जाए। फिर रात तक रोज़े को पूरे करो। (सूरतुल बक़रा : 187).

''तो रोज़े की रातों में उसके आरंभ से लेकर फज्र के निकलने तक संभोग करना और खाना पीना अनुमेय ठहराया है, फिर रात तक रोज़े को पूरा करने का आदेश दिया है।'' अंत हुआ।

इसे अबू बक्र जस्सास ने ''अहकामुल क़ुरआन'' (1/265) में कहा है।

तथा बुखारी (हदीस संख्या : 1919) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1092) ने आयशा रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत किया है कि बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु रात के समय अज़ान देते थे तो अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : ''खाओ पियो यहाँ तक कि इब्ने उम्मे मक्तूम अज़ान दें, क्योंकि वह उस समय तक अज़ान नहीं देते हैं जब तक कि फज्र न उदय हो जाए।''

इमाम नववी ''अल-मजमूअ'' (6/406) में फरमाते हैं :

''हमारे असहाब और उनके अलावा अन्य विद्वानों ने इस बात पर सर्वसहमति जताई है कि सेहरी करना सुन्नत है, और उसे विलंब करना श्रेष्ठ है, और इन सब के प्रमाण सहीह हदीसें हैं, और इसलिए भी कि उन दोनों (अर्थात सेहरी और उसको विलंब करने) में रोज़ा रखने पर मदद होती है, तथा उनमें काफिरों का विरोध भी पाया जाता है . .और यह भी है कि रोज़े का स्थान दिन है, अतः इफ्तारी को विलंब करने और रात के अंतिम भाग में सेहरी से उपेक्षा करने का कोई अर्थ नहीं है।'' अंत हुआ।

तथा स्थायी समिति (10/284) से पूछा गया :

मैं ने कुछ तफ्सीर की किताबों में पढ़ा है कि रोज़ादार फज्र की अज़ान से एक तिहाई घण्टा (यानी बीस मिनट पहले) खाने पीने से रूक जायेगा, और इसे एहतियात के तौर पर रूकना कहा जाता है। तो रमज़ान में फज्र की अज़ान और खाने पीने से रूकने के बीच की मात्रा क्या है ? और उस व्यक्ति का क्या हुक्म है जो मुअजि़्ज़न को ‘‘अस्सलातो खैरून मिनन-नौम'' कहते हुए सुनता है और पानी पीता रहता है जब तक कि वह अज़ान से फारिग नहीं हो जाता, तो क्या यह सही है ?

तो उन्हों ने उत्तर दिया :

''रोज़ेदार के लिए खाने पीने से रूकने और इफ्तारी करने में, मूल आधार अल्लाह तआला का यह फरमान है:

وَكُلُوا وَاشْرَبُوا حَتَّى يَتَبَيَّنَ لَكُمُ الْخَيْطُ الْأَبْيَضُ مِنَ الْخَيْطِ الْأَسْوَدِ مِنَ الْفَجْرِ ثُمَّ أَتِمُّوا الصِّيَامَ إِلَى اللَّيْلِ [البقرة : 187].

''तुम खाते पीते रहो यहाँ तक कि प्रभात का सफेद धागा रात के काले धागे से प्रत्यक्ष हो जाए। फिर रात तक रोज़े को पूरे करो। (सूरतुल बक़राः 187)

अतः खाना और पीना फज्र के निकलने तक अनुमेय है, और वह सफेद धारी है जिसे अल्लाह ने खाने और पीने के अनुमेय होने के लिए अंत क़रार दिया है। जब दूसरी फज्र प्रकट हो जाए तो खाना पीना और अन्य रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ें इस्तेमाल करना हराम हो जाता है। और जिसने फज्र की अज़ान सुनते हुए पेय इस्तेमाल किया तो यदि अज़ान दूसरी फज्र के निकलने के बाद होती है तो उसके ऊपर क़ज़ा करना अनिवार्य है, और यदि फज्र के निकलने से पहले होती है तो उसके ऊपर क़ज़ा अनिवार्य नहीं है।'' अंत हुआ।

तथा शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह से फज्र से लगभग पंद्रह मिनट पहले खाने पीने से रूक जाने का समय निर्धारित करने के बारे में प्रश्न किया गया।

तो उन्हों ने उत्तर दिया :

''मैं इस बात का कोई आधार नहीं जानता हूँ, बल्कि क़ुरआन व सुन्नत जिस बात को दर्शाते हैं वह यह है कि खाने पीने से रूकना फज्र के उदय होने पर है, क्योंकि अल्लाह का फरमान है :

وَكُلُوا وَاشْرَبُوا حَتَّى يَتَبَيَّنَ لَكُمُ الْخَيْطُ الْأَبْيَضُ مِنَ الْخَيْطِ الْأَسْوَدِ مِنَ الْفَجْرِ ثُمَّ أَتِمُّوا الصِّيَامَ إِلَى اللَّيْلِ [البقرة : 187].

''तुम खाते पीते रहो यहाँ तक कि प्रभात का सफेद धागा रात के काले धागे से प्रत्यक्ष हो जाए। फिर रात तक रोज़े को पूरे करो।'' (सूरतुल बक़राः 187)

तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कथन है : ''फज्र दो प्रकार की है : एक फज्र वह है जिसमें खाना हराम हो जाता है और नमाज़ जायज़ हो जाती है, और दूसरी फज्र वह है जिसमें नमाज़ (अर्थात फज्र की नमाज़) हराम होती है और खाना जायज़ होता है।'' इसे इब्ने खुज़ैमा और हाकिम ने रिवायत किया है और उन दोनों ने इसे सही ठहराया है, जैसा कि 'बुलूग़ुल मराम' में है। तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का यह कथन है कि : बिलाल रज़ियल्लाहु अन्हु रात के समय अज़ान देते हैं। अतः खाओ पियो, यहाँ तक कि इब्ने उम्मे मक्तूम अज़ान दें।'' रावी (हदीस वर्णनकर्ता) कहते हैं कि : इब्ने उम्मे मकतूम एक अंधे आदमी थे, वह अज़ान नहीं देते थे यहाँ तक कि उनसे कहा जाए कि आप ने सुबह कर दी, आप नेसुबह कर दी।'' सहीह बुखारी व एहीह मुस्लिम।'' इब्ने बाज़ की बात समाप्त हुई।

मजमूओ फतावा इब्ने बाज़ (15/281)

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android
at email

डाक सेवा की सदस्यता लें

साइट की नवीन समाचार और आवधिक अपडेट प्राप्त करने के लिए मेलिंग सूची में शामिल हों

phone

इस्लाम प्रश्न और उत्तर एप्लिकेशन

सामग्री का तेज एवं इंटरनेट के बिना ब्राउज़ करने की क्षमता

download iosdownload android