अल्लाह ने मुझे एक बच्ची प्रदान की और वह दो घण्टे के बाद मर गई, तो क्या मैं उसकी ओर से अक़ीक़ा करूँ ?
हरप्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
उसकेलिए, अक़ीक़ा को इंगित करने वाले सामान्य प्रमाणों के आधार पर,अक़ीक़ा करनाधर्म संगत है, उन प्रमाणों में से कुछ निम्नलिखित हैं :
1-सलमान बिन आमिर रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नेफरमाया : बच्चे के साथ अक़ीक़ा है, अतः उसकी ओर से खून बहाओ,उससे गंदगी को दूर करो।” इसेतिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 1515) और नसाई (4214) ने रिवायत किया है और शैख अल्बानी ने”अल-इरवा” (4/396) में सहीह कहा है।
2-समुरह बिन जुंदुब रज़ियल्लाहु अन्हु से वर्णित है कि अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहिव सल्लम ने फरमाया : ”हर बच्चा अपने अक़ीक़ा का बंधक होता है,जिसे उसकेजन्म के सातवें दिन उसकी ओर से बलिदान किया जायेगा,उसमें उसका नाम रखा जायेगा औरउसका सिर मूँडा जायेगा।’’ इसे तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 1522),नसाई (हदीससंख्या : 4220) और अबू दाऊद (हदीस संख्या : 3838) ने रिवायत किया है और अल्बानी रहिमहुल्लाहने ”अल-इरवा” (4/385) में सहीह कहा है।
अगरमृत्यु की वजह से लोगों को अक़ीक़ा के खाने पर एकत्र होने के लिए आमंत्रित करना उचितन हो तो आपके लिए उस में से कुछ दान करना, और कुछ खाना और उपहार करना पर्याप्त होगा।
औरअल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।