इस्लाम में फिर्क़े (संप्रदाय) और उसका अन्य धर्मों से प्रभावित होना
प्रश्न: 783
इस्लाम के संप्रदायों की संख्या कितनी है ॽ और इस्लाम दूसरे धर्मों को कैसे प्रभावित करता है ॽ
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार
की प्रशंसा और
गुणगान केवल अल्लाह
के लिए योग्य है।
वह धर्म जिसके
अलावा कोई अन्य
धर्म अल्लाह तआला
स्वीकार नहीं करेगा
वह इस्लाम है,
और
वह केवल एक ही रास्ता
और एक ही तरीक़ा
है,
और उसी पर इस्लाम
के पैगंबर मुहम्मद
सल्लल्लाहु अलैहि
व सल्लम और उनके
साथी क़ायम थे।
अल्लाह के घर्म
में संप्रदाय और
विभिन्न तरीक़े
नहीं हैं,
किंतु
वास्तविकता है
कि अनेक लोग इस्लाम
धर्म से फिर गए
और बहुत से संप्रदाय
बना लिए जिनका
इस्लाम से कोई
संबंध नहीं है,
जैस
– बातिनी,
क़ादियानी,
बहाई
आदि संप्रदाय जिनसे
अल्लाह तआला ने
हमें अपने इस कथन
द्वारा सावधान
किया है:
وَأَنَّ هَذَا صِرَاطِي مُسْتَقِيمًا
فَاتَّبِعُوهُ وَلا تَتَّبِعُوا السُّبُلَ فَتَفَرَّقَ بِكُمْ عَنْ سَبِيلِهِ
ذَلِكُمْ وَصَّاكُمْ بِهِ لَعَلَّكمْ تَتَّقُونَ [ سورة الأنعام : 153]
“और
यही धर्म मेरा
मार्ग है जो सीधा
है,
अतः इसी मार्ग
पर चलो,
और दूसरी
पगडण्डियों पर
न चलो कि वे तुम्हें
अल्लाह के मार्ग
से अलग कर देंगी,
इसी
का अल्लाह तआला
ने तुम को आदेश
दिया है ताकि तुम
परहेज़गार (संयमी,
ईश-भय
रखने वाले) बनो।” (सूरतुल
अन्आमः 153)
जहाँ तक प्रश्न
के दूसरे भाग का
संबंध है,
तो
ऐ प्रश्न करने
वाले भाई,
इस्लाम
एक वह्य (ईश्वाणी
व प्रकाशना) है
जो आसमान से शुद्ध
रूप में अल्लाह
तआला की ओर से अवतरित
हुई है,
जिसे
अल्लाह तआला ने
अपने बंदों के
लिए धर्म स्वरूप्
पसंद कर लिया है
और उसकी चाहत हुई
कि इसी पर धर्मों
की समाप्ति कर
दे और यह पिछले
धर्मों पर निरीक्षक
हो जाए। इसलिए
यह कहना संभव नहीं
है कि इस्लाम दूसरे
धर्मों से प्रभावित
हुआ है।
हम आशा करते
हैं कि आप इस धर्म
के बारे में अधिक
अध्ययन करें,
तथा
हम अल्लाह तआला
से प्रश्न करते
हैं कि वह आप को
सत्य और सही रास्ते
का मार्गदर्शन
करे।
स्रोत:
शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद