रमज़ान के महीने में इफ्तारी के समय में (अर्थात रोज़ा खोलने के बाद) आनन्द को बढ़ाने के लिए यौन उत्तेजकों (संभोग की इच्छा बढ़ाने वाली दवाओं) के इस्तेमाल करने का क्या हुक्म है?
यौन उत्तेजक औषधियों के इस्तेमाल करने का हुक्म
प्रश्न: 79072
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
सर्व प्रथम :
यौन शक्तिवर्धक दवाएँ दो प्रकार की होती हैं :
प्रथम :
प्राकृतिक चीज़ें, जैसे कुछ विशेष प्रकार के खाद्य पदार्थ, पौधे (जड़ी-बूटियाँ) और इसी तरह की अन्य चीज़ें। तो इनका सेवन करने में कुछ भी गलत नहीं है, जब तक कि यह सिद्ध नहीं होता कि वे शरीर के लिए हानिकारक हैं। यदि वे हानिकारक हों तो उनसे बचना चाहिए क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का फरमान है : (न ख़ुद हानि उठाना जायज़ है और न ही किसी दूसरे को हानि पहुंचाना जायज़ है।) इस हदीस की रिवायत इमाम अहमद और इब्ने माजा (हदीस संख्या : 2341) ने की है और शैख़ अल्बानी ने “सहीह इब्न माजा” में इसे सहीह क़रार दिया है।
इब्ने मुफ्लेह रहिमहुल्लाह “अल-आदाब अश्-शरईया” (2/463) में कहते हैं : (प्रत्येक अशुद्ध चीज़, और शुद्ध परन्तु निषिद्ध चीज़ या हानिकारक चीज़ वग़ैरह के द्वारा उपचार करना या सुरमा लगाना हराम (निषिद्ध) है।) समाप्त हुआ।
विद्वानों की पुस्तकों में कुछ खाद्य पदार्थों के लाभ का उल्लेख किया गया है और यह कि वे कामोत्तेजना को बढ़ाते हैं या संभोग के लिए शक्ति प्रदान करते हैं। जैसा कि हाफिज़ इब्ने हजर रहिमहुल्लाह ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के निम्नलिखित कथन पर चर्चा करते हुए किया है : ''तुम इस हिन्दुस्तानी लकड़ी का उपयोग करो क्योंकि इसमें सात (रोगों से) आरोग्य हैं।'' इसे बुखारी (हदीस संख्याः 5260) और मुस्लिम (हदीस संख्याः 4103) ने रिवायत किया है।
ऊद हिन्दी (हिन्दुस्तानी लकड़ी) से अभिप्राय सुप्रसिद्ध क़ुस्त हिन्दी है।
हाफिज़ रहिमहुल्लाह इसके लाभों को बयान करते हुए कहते हैं : (यह मेदा को मज़बूत करता है, काम-वासना को उभारता है तथा मुहांसे के दाग़ धब्बों को साफ करता है।…..) “फत्हुल बारी” से समाप्त हुआ।
इसी प्रकार यही लाभ उन्हों ने मेथी, पिस्ता, कोराब और तरबूज़ के बीजों वग़ैरह के बारे में भी उल्लेख किया है। देखिए : इब्न मुफ्लेह की पुस्तक “अल-आदाब अश्-शरईय्या” (3/7,2/370, 375)
महत्वपूर्ण बात यह है कि इंसान इन चीज़ों के इस्तेमाल करने में फिज़ूलख़र्ची (अपव्यय), या लगाव और व्यस्तता की सीमा तक न पहुँचे, इस प्रकार कि वह काम-वासना को बढ़ाने वाली खाने पीने की चीज़ों की खोज का शौकीन हो जाए।
दूसरी :
इस उद्देश्य के लिए उपयोग की जानेवाली दवाइयाँ और ड्रग्स। इनके बारे में बुनियादी सिद्धांत यह है कि ये भी हलाल हैं, बशर्ते कि उनमें कोई हराम चीज़ जैसे मादक पदार्थ शामिल न हो, या वे शरीर के लिए हानिकारक न हों। इस मामले में वे इन दो कारणों के लिए हराम हैं।
लेकिन इनका उपयोग केवल उसी को करना चाहिए जिसे अक्षमता (नपुंसकता), बीमारी या बुढ़ापा (व्योवृद्धि) की वजह से इनके इस्तेमाल की आवश्यकता हो, तथा वह एक विश्वसनीय चिकित्सीय विशेषज्ञ के परामर्श से उपयोग करे। क्योंकि इन दवाओं में से कुछ हानिकारक हैं जो मौत तक पहुंचा सकती हैं। तथा उनमें से कुछ दवाएं हानि से सुरक्षित हैं लेकिन जो व्यक्ति स्वस्थ है और उसे उन्हें इस्सेमाल करने की आवश्यकता नहीं है, तो उन्हें इस्तेमाल करने में कोई भलाई नहीं है, भले ही उससे आनन्द में वृद्धि हो जाए, जैसा कि प्रश्नकर्ता भाई का कहना है। किसी ने क्या ही ख़ूब कहा है : निःसंदेह दवा साबुन की तरह है कि वह कपड़े को साफ करता है किन्तु उसे पुराना कर देता है। अतः जितना संभव हो दवाओं का उपयोग करने से बचना चाहिए।
हम इसके लिए एक ऐसी दवा का उदाहरण देते हैं जो आजकल व्यापक रूप से प्रचलित है, और वह वियाग्रा नामक दवा है। क्योंकि किसी मेडिकल जाँच और परामर्श के बिना कुछ लोगों ने इस दवा का प्रयोग किया तो उन्हें बहुत ज़्यादा नुक़सान पहुँचा।
इसके बारे में, ज़ायद मिलिटरी अस्पताल में हृदय रोग के विशेषज्ञ डॉ अब्दुल्लाह अन-नुऐमी, कामोत्तेजकों से संबंधित एक संगोष्ठी के दौरान कहते हैं :
‘‘इस दवा के दुष्प्रभाव हैं, जिनमें से कुछ गंभीर हैं। कनाडा में लगभग 8500 लोगों पर एक अध्ययन किया गया है, जिसमें पाया गया कि उनमें से 16% लोग सिरदर्द से पीड़ित थे और उनमें से कुछ लोगों को विशेष रूप से चेहरे में लालिमा और गर्मी का सामना करना पड़ा; उनमें से कुछ लोग जलन एवं अपच के लक्षण से पीड़ित हुए, और कुछ को – विशेष रूप से जिनके कम रक्तचाप थे -, पाया गया कि उनका रक्तचाप खतरनाक स्तर तक गिर सकता है।’’ समापन उद्धरण
उन्होंने कहा कि स्वस्थ लोग जिनके पास कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है, उनके लिए भी डॉक्टर से परामर्श करना अच्छा है, भले ही एक संक्षिप्त समय के लिए हो। जबकि वे लोग जो बीमारियों से पीड़ित हैं विशेष रूप से हृदय की धमनियों में रुकावट की बीमारियों से, उन्हें सबसे पहले एक डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। क्योंकि "(इस रोग से पीड़ित लोगों में से बहुत से लोग “नाईट्रेट” नामक दवा का सेवन करते हैं, और यह दवा दृढ़ता से वियाग्रा के साथ प्रतिक्रिया करता। चुनाँचे वियाग्रा इस दवा को रोगी के शरीर में अवशोषित होने से रोक देता है। इस प्रकार हम पाते हैं कि कभी कभार इस दवा का प्रभाव दस गुना ज़्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से रक्तचाप में गंभीर रूप से गिरावट आ जाती है जो कि मौत का कारण बनती है।
इस प्रकार हम पाते हैं कि कभी कभार इस दवा का प्रभाव दस गुना बढ़ जाता है जिसकी वजह से रक्तचाप में गंभीर रूप से गिरावट आ जाती है जो कि मौत का कारण बनती है। और मौत का कारण बन सकता है।
हमने इस तरह के मामलों में मृत्यु होने बारे में सुना है, और इनमें से अधिकतर मौतें ऐसे मामलों में हुई हैं तथा इनमें से होने वाली अधिकाँश मौतें इसी प्रकार के मामले में होती हैं कि किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ रहा होता है या वह धमनियों में रुकावट से पीड़ित होता है था और वह नाइट्रेट्स ले रहा होता है। ऐसी स्थिति में जब वह नाइट्रेट्स के साथ वियाग्रा का सेवन करता है तो नाईट्रेट का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। और इस तरह यह साइड इफेक्ट (दुष्प्रभाव) का कारण बनता है।'' समाप्त हुआ।
दूसरा :
इन कामोत्तेजक औषधियों का सेवन करने के संबंध में, रमज़ान की रातों के बीच और उनके अलावा किसी अन्य समय के बीच जिसमें खाने पीने की अनुमति है, कोई भेद और अंतर नहीं है। चुनाँचे जहाँ सेवन करने की अनुमति है तो सब समय में अनुमति है, और जहाँ सेवन करना निषिद्ध है तो सब समय में भी निषिद्ध होगा। इस्तेमाल जायज़ होगा और अगर रमज़ान में हराम है तो अन्य समय में भी हराम होगा। अल्लाह तआला ने रोज़ेदार को इफ्तारी करने के बाद अपनी पत्नी से आनन्द लेने की अनुमति प्रदान की है। अल्लाह ने फरमाया :
( أُحِلَّ لَكُمْ لَيْلَةَ الصِّيَامِ الرَّفَثُ إِلَى نِسَآئِكُمْ هُنَّ لِبَاسٌ لَّكُمْ وَأَنتُمْ لِبَاسٌ لَّهُنَّ عَلِمَ اللّهُ أَنَّكُمْ كُنتُمْ تَخْتانُونَ أَنفُسَكُمْ فَتَابَ عَلَيْكُمْ وَعَفَا عَنكُمْ فَالآنَ بَاشِرُوهُنَّ وَابْتَغُواْ مَا كَتَبَ اللّهُ لَكُمْ وَكُلُواْ وَاشْرَبُواْ حَتَّى يَتَبَيَّنَ لَكُمُ الْخَيْطُ الأَبْيَضُ مِنَ الْخَيْطِ الأَسْوَدِ مِنَ الْفَجْرِ ثُمَّ أَتِمُّواْ الصِّيَامَ إِلَى الَّليْلِ وَلاَ تُبَاشِرُوهُنَّ وَأَنتُمْ عَاكِفُونَ فِي الْمَسَاجِدِ تِلْكَ حُدُودُ اللّهِ فَلاَ تَقْرَبُوهَا كَذَلِكَ يُبَيِّنُ اللّهُ آيَاتِهِ لِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ يَتَّقُونَ) البقرة/187
"रोज़े की रातों में अपनी पत्नियों से संभोग करना तुम्हारे लिए वैध किया गया, वह तुम्हारी पोशाक हैं और तुम उनके पोशाक हो, तुम्हारी गुप्त खियानतों को अल्लाह तआला जानता है, उसने तुम्हारी क्षमा याचना स्वीकार करके तुम्हें क्षमा कर दिया, अब तुम्हें उनसे संभोग करने की और अल्लाह की लिखी हुई चीज़ को ढूंढने की अनुमति है, तुम खाते पीते रहो यहाँ तक कि प्रभात (फज्र) का सफेद धागा रात के काले धागे से प्रत्यक्ष हो जाए। फिर रात तक रोज़े पूरे करो, और स्त्रियों से उस समय सम्भोग न करो जब तुम मस्जिदों में एतिकाफ़ में हो। यह अल्लाह तआला की सीमायें हैं, तुम इनके निकट भी न जाओ। इसी प्रकार अल्लाह तआला अपनी आयतें लोगों के लिए वर्णन करता है ताकि वे बचें (संयम बरतें)।" (सूरतुल बक़रा: 187)
और अल्लाह तआला ही सर्वश्रेष्ठ ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर