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शादी के अनुबंध पर चार महिलाओं की गवाही पर्याप्त नहीं है

प्रश्न: 97239

चार महिलाओं की गवाही पर निकाह का क्या हुक्म है? जिस व्यक्ति ने शादी की है उसका गुमान यह था कि दो महिलाओं की गवाही एक आदमी की गवाही के बराबर है, इस आधार पर चार महिलाओं की गवाही पर लड़की के माता पिता की स्वीकृति से विवाह संपन्न हुआ। लेकिन वे दोनों निकाह के समय मौजूद नहीं थे। तो क्या यह निकाह सही है या नहीं? और यदि वह सहीह नहीं है तो अब क्या करना चाहिए ?

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

हर
प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

विद्वानों
की बहुमत ने निकाह के सहीह होने के लिए दो न्याय प्रिय लोगों की गवाही होने की शर्त
लगाई है। और उनके यहाँ निकाह में महिलाओं की गवाही सही नहीं है। चाहे चार महिलाएं गवाही
दें या एक आदमी और दो महिलाएं गवाही दें। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का
फरमान है: ”वली और दो न्याय प्रिय गवाहों के बिना निकाह सही नहीं है।” इसे बैहक़ी
ने इमरान और आयशा की हदीस से रिवायत किया है। और अल्बानी ने सहीहुल जामे (हदीस संख्या
: 7557) में इसे सही कहा है।

इब्ने
क़ुदामा ”अल-मुग़नी”
(8/7) में फरमाते हैं : ”एक पुरूष और दो महिलाओं की
गवाही से निकाह संपन्न नहीं होगा।” यही नखई,
औज़ाई और शाफेई का थन है।

क्योंकि
ज़ुहरी का कहना है : ‘‘पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से यह सुन्नत (परंपरा) चली
आ रही है कि हुदूद (शरई दण्ड) में महिलाओं की गवाही जायज़ नहीं है,
इसी तरह निकाह
और तलाक़ में भी है।” इसे अबू उबैद ने किताब ‘‘अल-अमवाल” में रिवायत किया है। संक्षेप के साथ अंत हुआ।

इसी
कथन को इफ्ता की स्थायी समिति के विद्वानों ने चयन किया है। उनका कहना है कि : निकाह
के अनुबंध में औरत के वली का शादी के अनुबंध पर गवाह रखे बिना उस व्यक्ति के साथ उसकी
शादी करने पर सहमत हो जाना जिसने उसे शादी के लिए प्रस्तावित किया है, काफी नहीं है।
भले ही उन दोनों की ओर से ईजाब व क़बूल पाया जाता हो। बल्कि दो न्याय प्रिय गवाहों का
शादी के अनुबंध के समय उपस्थिति होना ज़रूरी है ; क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम
के कथन से रिवायत किया गया है कि : ”वली और दो न्याय प्रिय गवाहों के बिना निकाह नहीं
है।” अंत हुआ।

फतावा
स्थायी समिति 18/182

अब्दुल
अज़ीज़ बिन बाज़,
अब्दुल्लाह बिन क़ऊद,
अब्दुल्लाह बिन गुदैयान

हनफिया का मत :
यह है कि एक पुरूष और दो औरतों की गवाही से निकाह सही है। ”बदाये-उस्सनाइअ”
(2/255).

तथा
कुछ अइम्मा जैसे इमाम मालिक,
इस बात की ओर गए हैं कि अनिवार्य निकाह का एलान करना है,
गवाही नहीं।
अतः जब भी निकाह का एलान हो गया तो वह निकाह सही है चाहे उस पर गवाह रखा है या उस पर
गवाह नहीं रखा है।

इस
कथन को शैखुल इस्लाम इब्ने तैमिय्या ने चयन किया है, तथा वर्तमान विद्वानों में से
शैख इब्ने उसैमीन ने इसे चयन किया है।

देखिए
: ”मजमूओ फतावा इब्ने तैमिया” (32/127), ”अल-इख्तियारात” (पृष्ठ 210),
”अश-शरहुल
मुम्ते” (12/94).

इन
लोगों ने निकाह के अंदर दो गवाहों की शर्त लगाने के बारे में वर्णित हदीसों पर ज़ईफ़
(कमज़ोर) होने का हुक्म गलाया है। अतः इस कथन के आधार पर : यदि निकाह का ऐलान किया गया
है तो वह सही है।

लेकिन
आपके लिए अधिक एहतियात और सावधानी का पत्र यह है कि आप दो गवाहों की उपस्थिति में निकाह
के अनुबंध को दोहरा लें, क्योंकि इस बाबत वर्णित हदीसों के सहीह होने की संभावना है,
तथा जमहूर
विद्वानों के विचार को ध्यान में रखते हुए। तथा इसलिए भी कि इस मामले का संबंध एक महत्वपूर्ण
चीज़ निकाह से है।

चेतावनी : आपके प्रश्न
में आया है कि बीवी का बाप मौजूद नहीं था। तो यदि उसने किसी व्यक्ति को अपना वकील निर्धारित
किया था कि वह उसकी बेटी का विवाह कर दे,
तो निकाह सही है। क्योंकि औरत अपना विवाह स्वयं नहीं करेगी।
बल्कि जमहूर
विद्वानों के कथन के अनुसार उसका वली (अभिभावक) या उसके वली का वकील उसका विवाह करेगा।
उसका निकाह से संतुष्ट होने का ज्ञान होना काफी नहीं है।

यदि
वह स्वयं या उसका वकील उपस्थित नहीं थे,
तो निकाह सही नहीं है। और ऐसी स्थिति में दुबारा अक़्दे निकाह
करना अनिवार्य है। तथा प्रश्न संख्या (97117) का उत्तर देखें।

और
अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

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