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पति के लिए अपनी पत्नी को अपने परिवार के साथ रहने के लिए मजबूर करना अनुमेय नहीं है

سوال: 97810

मैं अपनी पत्नी के साथ अपने परिवार के घर से अलग एक घर में रहता था, और ऐसा अत्याधिक समस्याओं के कारण किया था। तथा मैंने अपनी पत्नी से उसे अलग न करने का वादा किया था। एक अवधि के बाद मेरे पिता ने मुझसे कहा कि मैं वापस घर आ जाऊं और अपनी पत्नी को लेकर उनके साथ रहूँ। लेकिन मेरी पत्नी ने इनकार कर दिया, तो अब मैं क्या करूँॽ क्या मैं अपने पिता का आज्ञापालन करूँ और हमारे बीच जो वचन है उसे तोड़ दूँॽ और क्या मैं अल्लाह तआला के इस कथन के अंतर्गत आता हूँ किः

وَأَوْفُواْ بِالْعَهْدِ إِنَّ الْعَهْدَ كَانَ مَسْؤُولاً

 [سورة الإسراء:34]

''और वचन को पूरा करो। निःसंदेह वचन के बारे में पूछा जाएगा।'' (सूरतुल इस्राः 34)

جواب کا متن

اللہ کی حمد، اور رسول اللہ اور ان کے پریوار پر سلام اور برکت ہو۔

''कोई शक नहीं कि पिता का हक़ पुत्र के ऊपर बहुत महान है, और जब आपकी पत्नी उनके घर में नहीं रहना चाहती है तो आप उसे बाध्य नहीं करेंगे। बल्कि आप ऐसा कर सकते हैं कि इस विषय में अपने पिता से बातकर उन्हें संतुष्ट कर दें और पत्नी को एक अलग ही घर में रहने दें। जबकि आप अपने पिता के साथ संपर्क में रहें, उनके साथ सद्व्यवहार करते रहें, उन्हें खुश रखें और उनके साथ जहां तक हो सके एहसान व भलाई करते रहें।''

''अल-मुन्तक़ा मिन फतावा शैख सालेह अल-फौज़ान'' (3/405)

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