ईद के शिष्टाचार
कोरोना वायरस की महामारी के कारण कर्फ्यू की वजह से घर में ईद की नमाज़ अदा करने का हुक्म
लॉकडाउन और कोरोना वायरस के कारण, क्या घर में तीन से अधिक पुरुषों के होने पर घर में ईद की नमाज़ अदा करना जायज़ हैॽ क्या यह घर में नमाज़ पढ़ने का एक वैध कारण (सही उज़्र) हैॽ यदि कोई व्यक्ति, संगरोध के कारण, अपने परिवार के साथ अपने घर में ईद की नमाज़ पढ़ता है, तो क्या उसे ख़ुत्बा देगा चाहिए या नहींॽक्या महिला के लिए ईद की नमाज़ के लिए बाहर निकलना बेहतर है या अपने घर में रहनाॽ
मुझे पता है कि महिला के लिए अपने घर में नमाज़ पढ़ना बेहतर है, लेकिन मेरा सवाल ईद की नमाज़ के बारे में है। क्या महिला के लिए ईद की नमाज़ के लिए बाहर निकलना बेहतर है, या अपने घर पर रहना बेहतर हैॽईद की नमाज़ में इमाम के साथ अतिरिक्त तकबीरों के दौरान शामिल होना
अगर मैं ईद की नमाज़ में इमाम के साथ उस समय शामिल होता हूँ जब वह तकबीर-ए-तहरीमा के बाद अतिरिक्त तकबीरें कहना शुरू कर देता है, तो क्या मैं इमाम के तकबीर कह लेने के बाद वे तकबीरें कहूँ जो मुझसे छूट गई थींॽईदैन की नमाज़ का हुक्म
ईदैन की नमाज़ का क्या हुक्म है ॽईदुल-फित्र में तकबीर कहना कब शुरू होगा और कब समाप्त होगाॽ
ईदुल-फित्र में तकबीर कहना कब आरंभ होता है और कब खत्म होता हैॽईदैन की नमाज़ के लिए एलान करना
ईदुल-फ़ित्र और ईदुल-अज़्ह़ा की नमाज़ से पहले लाउडस्पीकर का उपयोग करने के बार में आपकी क्या राय है, ताकि मुसलमानों को उपस्थित होने के लिए आह्वान किया जाए और उन्हें यह समझाया जाए कि ईद की नमाज़ अनिवार्य है और उसमें छह (अतिरिक्त) तकबीरें होती हैंॽईद की नमाज़ में इमाम तक्बीर (अल्लाहु अक्बर) क्यों कहता है?
हमारे लिए ईदैन (दोनों ईदः ईदुल-फ़ित्र व ईदुल-अज़्हा) की नमाज़ों में सूरतुल फातिहा पढ़ने से पहले बारह तक्बीरें पढ़ना क्यों मसनून है? इसका फायदा क्या है? तथा इसे पाँचों समय की अनिवार्य नमाज़ों को छोड़कर केवल इसी में पढ़ने का क्या मतलब है?ईदैन (दोनों ईद) की नमाज़ की क़ज़ा
ईदुल-फ़ित्र के दिन की सुबह, जब हम ईदगाह पहुँचे, तो हमने पाया कि इमाम नमाज़ पढ़ चुका था और ख़ुत्बा का समापन करने वाला था। इसलिए हमने इमाम के ख़ुत्बा देने के दौरान ही ईद की दो रकअत नमाज़ अदा कर ली। क्या यह नमाज़ सही (मान्य) है या नहींॽईदगाह आने वाले के लिये क्या धर्म संगत है ॽ
मैं ने देखा है कि कुछ लोग जब ईद की नमाज़ के लिए आते हैं तो दो रक्अत नमाज़ पढ़ते हैं, जबकि कुछ लोग तक्बीर कहने में व्यस्त हो जाते हैं। आशा करता हूँ कि इन चीज़ों के बारे में शरीअत के हुक्म (नियम) को स्पष्ट करेंगे, और क्या ईद की नमाज़ के मस्जिद में होने या ईदगाह में होने के बीच कोई अंतर है ॽ