फिक़्ह के सिद्धांत
सामान्य व्यक्ति का कर्तव्य यह है कि वह अपने देश के विद्वानों का अनुकरण करे और उनके कथनों से बाहर न निकले
क्या आम आदमी के लिए यह जायज़ है कि वह फतवा पूछे और किसी भी विद्वान की बात ग्रहण कर ले, या उसे केवल अपने उस देश के विद्वानों से फतवा पूछना चाहिए जिसमें वह रहता हैॽतक्लीफ़ी अहकाम (शरीअत के प्रावधानों के अनुभाग) और उनके उदाहरण
फ़र्ज़ (अनिवार्य), मुस्तहब अर्थात् वांछनीय (अनिवार्य नहीं है), मुबाह अर्थात् अनुमत (स्वैच्छानुसार है) मक्रूह अर्थात घृणास्पद (जिसका करना वांछनीय नहीं है) और हराम अर्थात् निषिद्ध (वर्जित है), कृपया मुझे इन अनुभागों में से प्रत्येक का उदाहरण देंॽजुमा के दिन की बधाई देने का क्या हुक्म है ?
जुमा के दिन की बधाई देने का क्या हुक्म है ? क्योंकि हमारे यहाँ अब जुमा के दिन यह रिवाज चल गया है कि मोबाइल से संदेश (एस एम एस) भेजे जाते हैं, और लोग एक दूसरे को ''जुमा मुबारक'' या ''जुमा तैयिबा'' कहकर जुमा के दिन की बधाई देते हैं।हलाल और हराम की परिभाशा
हलाल और हराम की परिभाशा क्या हैमकरूह और हराम की परिभाषा
“मकरूह” शब्द का क्या अर्थ हैॽ तथा “मकरूह” और “हराम” में क्या अंतर हैॽ