सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्यायें
पति की पोर्नोग्राफी की लत का इलाज
मैं एक ऐसी महिला हूँ जिसकी शादी को डेढ़ महीने हो चुके हैं। मुझे पता चला कि मेरे पति अश्लील तस्वीरें और क्लिप (पोर्नोग्राफी) देखते हैं। मुझे बेहद अफ़सोस और दिल में बहुत तकलीफ़ (जलन) महसूस हुई, और मेरा जीवन खुशी से दुख में बदल गया। मैं अपने पति से प्यार करती हूँ, लेकिन मैं इस स्थिति को कदापि स्वीकार नहीं कर सकती। मैं उनके साथ विदेश में रहती हूँ। मुझे उम्मीद थी कि वह मेरे लिए एक आदर्श पति होंगे। मैं इस बात से इनकार नहीं करती कि वह मेरे साथ अच्छा व्यवहार करते हैं, लेकिन इस मामले का पता चलने के बाद मेरी मानसिकता बिगड़ गई है। मैं हमेशा रोती रहती हूँ और मैं अपनी मूल व्यक्तित्व के विपरीत (अब) हमेशा चुप रहती हूँ। मैंने एक मनोविशेषज्ञ के पास जाने के बारे में सोचा, ताकि वह मेरी समस्या को हल करने में मेरी मदद करे। लेकिन, क्योंकि मैं विदेश में रहती हूँ और यहाँ मेरा कोई जानने वाला नहीं है, इसलिए मेरे लिए अपने पति को बताए बिना जाना मुश्किल है; क्योंकि मैं नहीं चाहती कि उन्हें पता चले कि मैं एक विशेषज्ञ डॉक्टर की मदद ले रही हूँ। उन्होंने मुझे यह भी बताया है कि वह धूम्रपान करते हैं, इसके बारे में मुझे मेरी शादी से पहले और शादी के कुछ समय बाद तक भी नहीं पता था। मैं अक्सर यह सोचने लगी हूँ कि वह मेरे साथ अंतरंगता का आनंद नहीं ले रहे हैं, या वह मेरे साथ अपने जीवन से खुश नहीं हैं। मुझे आशा है कि आप मुझे यह जानने में मदद करेंगे कि मैं अपने पति के साथ कैसे व्यवहार करूँ। क्या उनके तीसरे लिंग की तस्वीरें और क्लिप देखने का मतलब यह है कि वह समलैंगिक हैंॽवह अपने पिता और अपनी फूफियों से बात नहीं करता और न नमाज़ पढ़ता है, तथा अल्लाह तआला के बारे में बुरा ख़्याल रखता है
उस व्यक्ति का क्या हुक्म है जो अपने पिता से बात नहीं करता है क्योंकि उसके पिता का व्यवहार बुरा है, वह महिलाओं के साथ अवैध संबंध रखते हैं, अपने परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा नहीं करते और हर बार उसकी माँ को तलाक़ दे देते हैं। इसी प्रकार वह व्यक्ति अपनी उन फूफियों का कभी हाल-चाल नहीं पूछता और न कभी उनसे मिलने जाता है जिन्हों ने उसकी माँ के साथ दुर्व्यवहार किया हैं। लेकिन जब रास्ते में उनसे मुलाक़ात हो जाती है तो वह उनसे सलाम कर लेता है। तथा वह समस्याओं के कारण अपने सहकर्मियों से भी बात नहीं करता है, जबकि वह उनके विरुद्ध कोई द्वेष या घृणा नहीं रखता है। तथा वह नमाज़ नहीं पढ़ता है; क्योंकि वह सदैव कहता रहता है कि अल्लाह उसकी नमाज़ कदापि स्वीकार नहीं करेगा, इसलिए कि वह पाँचों समय की नमाज़ें मस्जिद में नहीं अदा करता है। और यह कि वह संबंधों को काटने वाला है, तथा वह कुछ लोगों से बात नहीं करता है; क्योंकि उन लोगों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया है, और वह उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगाॽउस पर व्यभिचार का आरोप लगाया गया जबकि वह बेगुनाह है, और उसके पास अपनी बेगुनाही का कोई सबूत व प्रमाण नहीं है। तो वह क्या करे?
कुछ लोगों ने एक लड़की पर व्यभिचार का आरोप लगाया हालांकि वह उससे बरी (निर्दोष) है, तो ऐसी स्थिति में उसे क्या करना चाहिए? क्या वह इसे नज़रअंदाज़ कर दे, और अल्लाह तआला पर भरोसा करे ताकि वह उसे निर्दोष और बेगुनाह साबित कर दे। जबकि ज्ञात रहे कि उसके पास अपनी बेगुनाही का कोई प्रमाण नहीं है। केवल अल्लाह ही उसकी बेगुनाही का साक्षी है। लोग उसे बुरी नज़र से देखते हैं, तथा लोगों ने उसका बहिष्कार कर दिया है। यह सब केवल एक आदमी की वजह से हुआ है जिसने अपने बुरे कार्यों पर पर्दा डालने के लिए उससे बदला लिया है। कृपया आप सलाह दें।उसके कुछ साथियों ने उसके सतीत्व पर आरोप लगाया है तो उनकी क्या सज़ा है? और वह उनके साथ किस तरह व्यवहार करे?
मैं एक सैन्य क्षेत्र से जुड़ा हूँ, जिसमें मुझे काम करते हुए लगभग तेरह साल होगए। सहसा एक दिन मैं आश्चर्यचकित और हैरान रह जाता हूँ, और मैं कांपने लगता हूँ और जो कुछ मेरे चारों ओर चल रहा था उस पर मुझे विश्वास नहीं होता है। वह यह कि मेरे बारे में यह अफवाह फैलाई गई थी - जिससे मैं महान अल्लाह की पनाह चाहता हूँ, और इस बात से कि मैं उन लोगों में से हूँ - जिसका आशय यह है कि : (मैं हिजड़ा हूँ )!! ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह ! दिन और महीने गुज़रते गए, मैं कुछ भी नहीं कर सका। क़सम है महान अल्लाह की! कि मैं हर पल अपने ऊपर अफसोस करता हूँ, और इस बात पर कि मेरी इमेज (प्रतिष्ठा) कहाँ पहुँच चुकी है जो मेरे जीवन में सबसे बड़ी चीज़ थी। ज्ञात रहे कि दिन प्रति दिन अफवाह फैलती ही जा रही है, और इस स्तर तक बढ़ती जा रही है कि मैं दूसरों के साथ बात नहीं कर सकता, वला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह! मुझे इसका समाधान कहाँ मिल सकता है? मैं जब भी किसी से बात करता हूँ वह कहता है कि : तुम सब्र से काम लो, या जवाब न दो। क्या किया जाए? जबकि ज्ञात होना चाहिए कि मेरी उमर 33 वर्ष है, और मैं शादीशुदा हूँ और मेरे बच्चे भी हैं, . . . मैं अल्लाह की क़सम खाता हूँ ऐसी क़सम जिस पर क़ियामत के दिन मेरा हिसाब होगा कि मैं इन सबसे बरी और बेगुनाह हूँ और जो कुछ मैं कह रहा हूँ उसपर अल्लाह गवाह है।वह अपने कार्यों को कैसे पूरा करे ॽ
मेरी समस्या यह है कि मैं जो भी शुरू करता हूँ उसे पूरा नहीं कर पाता हूँ, चाहे वास्तव में उसे शुरू कर दिया हूँ, या उसका केवल इरादा किया हूँ, और चाहे यह कार्य मेरी इबादत से संबंधित हो या मेरे सांसारिक जीवन से। मैं हमेशा जो काम कर रहा होता हूँ उसे बीच रास्ते ही में छोड़ देता हूँ। कृपया मुझे सलाह दें, धन्यवाद।वह जीवन से घृणा करता है और मृत्यु की कामना करता है
एक ऐसे आदमी के बारे में शरीयत का हुक्म क्या है, जो इस सांसारिक जीवन को अत्यधिक नापसंद करता है और अल्लाह से प्रार्थना करता है कि उसे मृत्यु दे दे, यदि यह उसके लिए बेहतर है, और वह मृत्यु की प्रतीक्षा करता हैॽवह भूलने की बीमारी, एकाग्रता की कमी और अव्यवस्था की समस्या से ग्रस्त है
मुझे लगता है कि मैं कुछ व्यक्तित्व की समस्याओं से ग्रस्त हूँ, जिनमें से कुछ ये हैं : जल्दी भूलने की बीमारी, ध्यान (एकाग्रता) की कमी, आलस्य, लापरवाही, कार्यों के संगठन की कमी, व्यक्तित्व में कमज़ोरी, दूसरों के अनुरोधों को अस्वीकार करने की अक्षमता, जो कभी-कभी मेरे लिए बहुत परेशानी और अफसोस का कारण बनती है, तथा कुछ अन्य समस्याएँ, जिनका मैं उल्लेख नहीं कर रहा हूँ। इस तथ्य के बावजूद, अल्लाह ने मुझे कुछ विशेषताएँ और नेमतें प्रदान की हैं, जिनमें पेशेवर और पारिवारिक जीवन में सफलता शामिल है, और सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है। कभी-कभी लोग कहते हैं कि मैं बुद्धिमान और शिक्षित, बल्कि रचनात्मक हूँ, और मुझे लगता है कि इन शब्दों में कुछ सच्चाई है। लेकिन समस्या यह है कि उपर्युक्त व्यक्तित्व (से संबंधित समस्याएँ) मुझे बहुत बार परेशान करती हैं, इसलिए कृपया इन समस्याओं को हल करने के तरीक़ों की सलाह दें और सलाह देने के साथ मेरे लिए दुआ करें।वह अपनी गरीबी के कारण जन्म नियन्त्रण करना चाहता है
क्या मुझे ठहर जाना चाहिए और इस बात की कोशिश नहीं करनी चाहिए कि मेरे बच्चे पैदा हूँ, क्योंकि मुझे डर है कि अल्लाह तआला मुझे जो बच्चे देगा मैं उन के लिए परिवार में एक इस्लामी वातावरण (माहौल) उपलब्ध नहीं कर सकूंगा ? मेरे ऊपर पिछले ऋण हैं जिन्हें मैं चुका रहा हूँ, उस पर जो सूद बढ़ता है वह अतिरिक्त है। मैं सोचता हूँ कि मेरे लिए उपयुक्त यह है कि बच्चे पैदा करने से रूका रहूँ यहाँ तक कि मैं क़र्ज़ का भुगतान कर दूँ। तो इस विषय में आप के क्या विचार हैं ?