आत्म-प्रशिक्षण
सदाचारी पूर्वज ईमान की शक्ति के उच्च स्तर तक कैसे पहुँचेॽ
मुझे हमेशा पूर्वजों की स्थितियों पर आश्चर्य होता है कि वे ईमान के जिस उच्च स्तर पर आसीन थे, वहाँ कैसे पहुँचेॽ जब मैं उनके लिए प्रकट होने वाली करामतों के बारे में पढ़ता हूँ, तो मुझे आश्चर्य होता है कि वे इस स्तर तक कैसे पहुँचेॽ वे दुनिया को अपने दिलों से बाहर निकालने में कैसे सक्षम हुएॽजब वह अकेला होता है तो पाप करता है और वह इसका उपचार चाहता है
मैं एक मुसलमान हूं जो इस्लामी मूल्यों और प्रतिष्ठित नैतिकता पर बड़ा हुआ है, और अभी भी मैं दूसरों के सामने ऐसा ही हूँ। लेकिन हाय मेरा दुर्भाग्य! मैं बहुत कमजोर हो जाता हूँ और लोगों की दृष्टि से छुपकर मोबाइल पर अश्लील (कामोद्दीपक) चीज़ें तथा अनैतिक चित्र और वीडियो खोलता हूँ। मैं जानता हूँ कि अल्लाह मुझे देखता है, लेकिन हर बार मैं यह अपमानजनक कृत्य कर बैठता हूँ। तथा केवल मैं देखता ही नही हूँ बल्कि हस्तमैथुन भी करता हूँ। मैं विवाहित हूँ और मेरे बच्चे हैं, और मुझे पता है कि जो कुछ मैं कर रहा हूँ वह मेरे और अल्लाह के बीच जानवरों का कार्य है। मुझे यह भी पता है कि यह कृत्य अच्छे कर्मों को मिटा देता बल्कि उनका विनाश कर देता है। मैं नमाज़ पढ़ता हूँ और पश्चाताप करता हूँ, और एक या दो दिन धैर्य रखता हूँ, और फिर दोबारा पलट आता हूँ। मैं अपने दिल में दृश्यों और वीडियो को खोलने के लिए, और अश्लील (कुकर्म) करने के लिए एक विचित्र एवं तीव्र आह्वान पाता हूँ। मुझे नहीं पता कि मैं क्या करूँॽ मै जानता हूँ कि अगर मेरे पालनहार ने मुझे मृत्यु दे दी तो मैं नरक में जाऊंगा। मैं अपने आप पर शक्ति नहीं रखता। मुझे पकड़ लो, मुझे बचालो। अल्लाह आप पर दया करे।मैं आलस्य से कैसे छुटकारा पाऊँ और विश्वविद्यालय में उत्कृष्टता प्राप्त करूँॽ
मैं एक युवा हूँ और विश्वविद्यालय में प्रवेश की शुरुआत में हूँ। लेकिन मैं आलसी, सुस्त और अव्यवस्थित हूँ और मुझे समय की परवाह नहीं रहती है। मैं अपने विभाग में पहला रैंक प्राप्त करना चाहता हूँ। इसका कारण यह है कि दूसरे वर्ष में एक विशेषज्ञता है जिसमें प्रत्येक विभाग में पहला रैंक प्राप्त करने वाले को स्वीकार किया जाता है और मैं, वास्तव में, इस विशेषज्ञता में शामिल होना चाहता हूँ। इसलिए मुझे आशा है कि आप कुछ उपाय (क़दम) बताएँगे जो इसे प्राप्त करने में मेरी मदद करेंगेॽनमाज़ को उसके सर्वज्ञात तरीक़े से स्थापित करने की हिकमत
मेरे पास एक संदेह है, जिसका मुझे कोई उपयुक्त स्पष्टीकरण (उत्तर) नहीं मिल रहा है... हम तकबीर कहने, सज्दे करने और खड़े होने की विधि से नमाज़ क्यों पढ़ते हैंॽ क्या इसके बजाय हमारे लिए ऐसा करना पर्याप्त नहीं है की हम बैठकर क़ुरआन पढ़ें और अल्लाह से दुआ करेंॽ फिर इस (नमाज़ के) मामले को इस विधि के साथ और इस शक्ल में क्यों बनाया गयाॽवह अपने आपको नेक कार्य के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खुद को कैसे दंडित करेॽ
मुझे पता है कि नफ़्स (स्वयं) को दंडित करना और उसे वंचित करना, अपने आप को अच्छा कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने में प्रभावी है, लेकिन मैं स्वयं को कैसे दंडित करूँॽ