कुर्आन की विशेषता
क्या सोने से पहले सूरतुल मुल्क सुनने वाले को उसका पाठ करने वाले की तरह अज्र (पुण्य) मिलेगाॽ
जो आदमी पढ़ना नहीं जानता है उसके लिए सोने से पहले क़ब्र की यातना से मुक्ति दिलाने वाली सूरत ''अल-मुल्क'' सुनने का क्या हुक्म हैॽ क्या उसका अज्र व सवाब (पुण्य) उसे पढ़ने वाले के अज्र व सवाब के बराबर होगाॽक्या क़ुरआन के हाफिज़ से शादी करने वाली महिला के लिए कोई निर्धारित अज्र व सवाब है ॽ
उस आदमी से शादी करने का क़ुरआन व हदीस के अंदर क्या प्रतिफल, पुण्य और लाभ वर्णित है जो क़ुरआन का हाफिज़ है और वह क़ुरआन ही को अपना महर नियुक्त करता है ॽ अल्लाह तआला आप को सर्वश्रेष्ठ बदला दे।उसने क़ुरआन कंठस्थ करने का संकल्प लिया, लेकिन उससे कहा गया कि पहले तजवीद सीखो
मैंने फैसला किया कि इन शा अल्लाह मैं पवित्र कुरआन याद करूँगी। और वास्तव में, मैंने डेढ़ पारा याद भी कर लिया। लेकिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि मुझे तजवीद के नियमों को याद करना चाहिए है, फिर क़ुरआन को याद करना चाहिए। तो क्या मेरा – पहले – क़ुरआन को याद करना और फिर तजवीद के नियम सीखना ग़लत हैॽदुआ और क़ुरआन का पाठ करने के लिए इकट्ठा होने का हुक्म
हमारे विश्वविद्यालय के नमाज़-स्थल में दुआ और बैठक के लिए इकट्ठा होने के विषय में विवाद पैदा हो गया, जहाँ उपस्थित व्यक्तियों पर क़ुरआन के पारे वितरित किए जाते हैं और उनमें से प्रत्येक व्यक्ति उसी समय एक-एक पारा पढ़ता है यहाँ तक कि पूरे क़ुरआन का पाठ कर लिया जाता है। फिर वे लोग किसी निर्धारित उद्देश्य जैसे उदाहरण के लिए परीक्षाओं में सफलता के लिए दुआ करते हैं। प्रश्न यह है कि क्या इस प्रार्थना का तरीक़ा शरीयत में वर्णित हैॽ मुझे उम्मीद है कि आपका उत्तर क़ुरआन, हदीस और पूर्वजों के इज्माअ (सर्वसम्मत) के द्वारा समर्थित होगा।क़ुर्आन करीम
क़ुर्आन क्या है ?