
वर्गीकरण
- 1,300
उसने रमज़ान में रोज़ा तोड़ दिया और अब वह न क़ज़ा करने में और न खाना खिलाने में सक्षम है
- 1,506
क्या एतिकाफ़ करने वाले व्यक्ति के लिए अपने परिवार को सहरी के लिए जगाने के लिए मस्जिद से निकलना और फिर लौट आना जायज़ हैॽ
- 1,580
यदि मुसाफ़िर असमंजस में था कि वह रोज़ा रखे या न रखे, फिर उसने फ़ज्र उदय होने के बाद रोज़ा रखने का संकल्प कर लिया।
- 1,359
उसने रोज़ा रखने का इरादा किया और कहा : अगर मासिक धर्म आ गया, तो मैं रोज़ा तोड़ दूँगी। तो क्या यह नीयत को लंबित करने के अंतर्गत आता है और क्या उसका रोज़ा सही हैॽ
- 2,891
उसने मासिक धर्म से स्नान किया जबकि वह अपनी पलित्रता के प्रति सुनिश्चित नहीं थी, फिर वह फज्र से पहले सुनिश्चित हो गई और उसने स्नान को दोहराए बिना रोज़ा रखा और नमाज़ पढ़ी। तो क्या उसका रोज़ा और नमाज़ सही हैंॽ
- 2,834
वह रमज़ान में नाक की बूंदों के बिना नहीं रह सकती
- 2,807
वह रमज़ान की क़ज़ा का रोज़ा रखे हुए थी और उसकी बहन ने उसे खाने के लिए बुलाया तो उसने रोज़ा तोड़ दिया
- 7,138
रोज़ा सूरज के डूबने तक है, न कि जैसा कि कुछ शीया का कहना है