शहर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति पर जुमुआअनिवार्य है भले ही उसे अज़ान सुनाई न दे
उनका इमाम हकला है, जबकि कुछ मुक़तदी इस बात को गुप्त रखते हैं कि वह सबसे अधिक क़रआन का ज्ञान रखते हैं।
हकलाने वाले व्यक्ति की इमामत का हुक्म
सामूहिक नमाज़ निवासी और यात्री दोनों के लिए अनिवार्य है।
वह काम करके थक गया है और जमाअत के साथ नमाज़ नहीं पढ़ना चाहता है
कितनी दूरी पर मस्जिद में नमजा़ पढ़ना अनिवार्य हो जाता है ?
जमाअत के साथ मिस्जद में नमाज़ पढ़ने का हुक्म
इमामत का सब से अधिक हक़दार
अगर इमाम की नमाज़ भ्रष्ट हो जाए, तो क्या वह किसी को उत्तराधिकारी नियुक्त करेगाॽ
जब कोई व्यक्ति इमाम के वित्र पर एक रकअत की वृद्धि करे ताकि वह वित्र बाद में पूरा करे
क्या मुक़्तदी सफ मुकम्मल हो जाने पर इमाम के दायीं ओर खड़ा होगा ?
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