
वर्गीकरण
नफ्ल (स्वेच्छिक) रोज़े
अय्यामुल-बीज़ और शाबान के महीने में रोज़ा रखने के लिए प्रोत्साहन
हर महीने तीन दिन रोज़े रखना मुसतहब है, और सबसे अच्छा यह है कि ये (तीन रोज़े) अय्यामुल-बीज़ में रखे जाएँ, जो कि चाँद के महीने की 13वीं, 14वीं और 15वीं तारीख़ है। शाबान में तीन दिन रोज़े रखने में कोई हर्ज नहीं है, भले ही उनमें से कुछ महीने के उत्तरार्ध में हों। तथा शाबान के महीने में अधिक से अधिक रोज़ा रखने में भी कोई हर्ज नहीं है, बल्कि यह सुन्नत है।- 9,805
यदि शेष दिन पर्याप्त नहीं हैं तो क्या वह क़ज़ा करने से पहले शव्वाल के छ: रोज़े से शुरूआत करेगा ?
- 5,119
शव्वाल के महीने के दूसरे दिन रोज़ा रखना जायज़ है।
- 2,944
शाबान के रोज़े को रमज़ान के साथ मिलाना
- 5,647
शाबान के दूसरे अर्द्ध में रोज़ा रखने से निषेध
- 7,600
क्या शाबान के पूरे महीने का रोज़ा रखना मुस्तहब है ?
- 20,711
रजब के महीने में रोज़ा रखना
- 7,779
रमज़ान के रोज़े की क़ज़ा से पहले स्वैच्छिक रोज़ा रखना
- 8,570
क्या शव्वाल के रोज़े प्रति वर्ष रखने ज़रूरी हैं ?