उस आदमी के रोज़ा रखने और रोज़ा तोड़ने का हुक्म जिसकी गवाही रद्द कर दी गई हो या वह ज़िम्मेदारों को सूचना न दे सका हो
हम हरमैन शरीफैन (दो पवित्र मस्जिदों) के देश के लोग हैं, और एक मुसलमान एशियाई देश (पाकिस्तान) में दूतावास में कार्य करते हैं। क्या हम लोग सऊदी अरब के साथ रोज़ा रखेंगे या उस देश के साथ रोज़ा रखेंगे जिसमें हम निवास करते हैं?
मुसलमानों को चाँद देखने में एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए और उसकी दृष्टि के बारे में अधिकारियों को सूचना देना चाहिए
हदीस: (ऐ अल्लाह! रजब और शाबान में हमें बर्कत दे, और हमें रमज़ान तक पहुँचा) ज़ईफ है, सही नहीं है।
आधुनिक उपकरणों के द्वारा चाँद देखने में कोई आपत्ति नहीं है
मुसलमानों का रोज़ा रखने और तोड़ने में एकजुट होना एक शरई मांग है और इसे प्राप्त करने के तरीक़े का वर्णन
क्या रमज़ान का नया चाँद देखने में औरत की गवाही स्वीकार की जायेगी
वह अपने रोज़ों को खराब कर दिया करता था और उसे उन दिनों की संख्या पता नहीं है जिनके रोज़े उसने तोड़ दिए थे
क्या पति के लिए अपनी पत्नि के ऊपर सोग मनाना अनिवार्य है?
उस पर व्यभिचार का आरोप लगाया गया जबकि वह बेगुनाह है, और उसके पास अपनी बेगुनाही का कोई सबूत व प्रमाण नहीं है। तो वह क्या करे?
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