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संतान पर बद्दुआ (अभिशाप) करने का हुक्म

प्रश्न: 100260

क्या पिता की अपने बेटे पर बद्दुआ (श्राप) स्वीकार की जाएगी जबकि पिता गल्ती पर है और बच्चा सही हैॽ

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

उन दोनों (माता पिता) की दुआ स्वीकार नही की जाएगी जबकि बच्चा सत्य पर है और पिता गल्ती पर है। चुनांचे अल्लाह उसकी दुआ क़बूल नहीं करेगा। क्योंकि बच्चे की ओर से उसके माता-पिता की अवज्ञा उस समय होती है जब वह उन दोनों के कर्तव्य का पालन न करे या उन दोनों के हुक़ूक़ (अधिकारों) में कोताही करे। परंतु केवल पिता अपने बेटे को ऐसी चीज़ का आदेश दे या मनाही करे जिसमें उसका कोई हित न हो, तो बच्चे के लिए उसे स्वीकार करना आवश्यक नहीं है। जैसे कि यदि पिता अपने बेटे से बिना किसी कारण के कहे कि : अपनी पत्नी को तलाक़ दे दे, तो बेटे के लिए अपने पिता या मां के अनुरोध को स्वीकारते हुए ऐसा करना आवश्यक नहीं है। उसका ऐसा करने से उपेक्षा करना अवज्ञा नहीं कहा जाएगा। यदि वे उसके ऊपर अभिशाप करते हैं तो वह दोषी नहीं होगा और इन शा अल्लाह कोई आपत्ति की बात नहीं है। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

फतावा आदरणीय शैख अब्दुल्लाह बिन हुमैयिद रहिमहुल्लाह (पृष्ठः 30)

स्रोत

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