छोटी लड़की के बिना दुपट्टे के नमाज़ पढ़ने का क्या हुक्म हैॽ
छोटी लड़की के बिना दुपट्टे के नमाज़ पढ़ने का हुक्म
प्रश्न: 103431
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
“यदि वह अभी तक युवावस्था तक नहीं पहुँची है, तो उसकी नमाज़ सही (मान्य) है, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “अल्लाह किसी मासिक धर्म वाली महिला की नमाज़ बिना दुपट्टे के स्वीकार नहीं करता।” इससे यह इंगित हुआ कि गैर-मासिक धर्म वाली महिला अर्थात् जो युवावस्था तक नहीं पहुँची है, उसके बिना दुपट्टा के नमाज़ पढ़ने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन अगर वह सात साल या उससे अधिक की है, तो उसके लिए दुपट्टे के साथ नमाज़ पढ़ना बेहतर और अधिक पूर्ण है। लेकिन जो सात साल से कम हैं, चाहे वे पुरुष हों या महिला, तो वे नमाज़ के योग्य लोगों में से नहीं हैं ; क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : “अपने बच्चों को नमाज़ पढ़ने का आदेश दो जब वे सात साल के हों, और अगर वे दस साल के हो जाएँ और नमाज़ न पढें, तो उन्हें मारो, तथा उनके बिस्तरों को अलग-अलग कर दो।” उद्धरण समाप्त हुआ।
“मजमूओ फतावा शैख़ इब्न बाज़” (29/200)
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर