यदि कोई आदमी चाँद देखे और अधिकारियों को उसकी सूचना न दे सके या उसकी गवाही रद्द कर दी गई हो, तो क्या वह अकेले रोज़ा रखेगा? इसी तरह ईद के विषय में भी प्रश्न है कि क्या वह अकेले रोज़ा तोड़ देगा?
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3,22916/06/2015
उस आदमी के रोज़ा रखने और रोज़ा तोड़ने का हुक्म जिसकी गवाही रद्द कर दी गई हो या वह ज़िम्मेदारों को सूचना न दे सका हो
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Матни ҷавоб
Хурмат ба Аллоҳ ва солиҳуно ба росули Аллоҳ ва хандонаш.
हर प्रकारकी प्रशंसा औरगुणगान केवल अल्लाहके लिए योग्य है।
”कुछ विद्वानइस बात की ओर गएहैं कि वह अकेलेरोज़ा रखेगा, जबकिसही बात यह है किउसके लिए अकेलेरोज़ा रखना जायज़नहीं है, और न ही उसकेलिए अकेले रोज़ातोड़ना जायज़ है।बल्कि उसे चाहिएकि वह लोगों केसाथ रोज़ा रखे औरउनके साथ ही रोज़ातोड़े। क्योंकिनबी सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमका फरमान है : ”रोज़ाउस दिन है जिस दिनतुम रोज़ा रखतेहो और इफ्तार कादिन वह जिस दिनतुम रोज़ा तोड़ देतेहो।” लेकिन अगरवह जंगल-विहारमें है उसके पासकोई नहीं है तोवह रोज़ा रखने औरतोड़ने में अपनीदृष्टि(अर्थात चाँददेखने) पर अमल करेगा।”अंतहुआ।
फज़ीलतुश्शैखअब्दुल अज़ीज़ बिनबाज़ रहिमहुल्लाह
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