बहुत से पुरुष, अगर उनके साथ महिलाएं होती हैं, तो वे तवाफ़ के दौरान एक दूसरे के हाथ पकड़ लेते हैं और अपने साथ मौजूद महिलाओं के चारों ओर गोला बना लेते हैं, यहाँ तक कि उनमें से कुछ लोग अपनी पीठ को काबा की ओर करके तवाफ़ करते हैं या काबा उनके दाईं ओर होता है।
''यह एक तरफ से एक खतरनाक मामला है और दूसरी तरफ से हानिकारक है। रही इसके हानिकारक होने की बात, तो यह इस लिए है क्योंकि अगर वे सभी इस तरह एक साथ मिलकर आएंगे, तो वे लोगों को नुकसान (कष्ट) पहुँचाएंगे, और यह बात सर्वज्ञात है कि किसी व्यक्ति के लिए जानबूझकर ऐसा काम करना जायज़ नहीं है जिससे मुसलमानों को कष्ट पहुँचता हो।
रही बात खतरे की तो इसका कारण यह है जैसा कि प्रश्नकर्ता ने कहा है कि कुछ लोग ऐसी स्थिति में तवाफ़ करते हैं कि काबा उनकी पीठ के पोछे होता है, या काबा उनके चेहरे के सामने होता है। जबकि तवाफ़ की शर्तों में से एक यह है कि आप काबा को अपने बाईं ओर करके तवाफ़ करें। यदि आप ने उसे अपनी पीठ के पोछे, या अपने दाईं ओर या उपने सामने कर लिया, तो तवाफ़ सही (मान्य) नहीं है।'' उद्धरण समाप्त हुआ।
''मजमूओ फतावा इब्ने उसैमीन'' (22/287, 288)।