क्या हज्ज करने वाले के लिए जायज़ है कि वह ईद के दिन या दूसरे दिन अपनी तरफ़ से जमरात को कंकरी मारने के लिए किसी को वकील बना दे, फिर अपने देश को यात्रा कर जाए ॽ
क्या यह बात संभव है कि आदमी अपनी ओर से जमरात को कंकरी मारने के लिए किसी को प्रतिनिधि बना दे फिर अपने देश को यात्रा कर जाए ॽ
प्रश्न: 109316
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्यहै।
“अल्लाह सर्वशक्तिमान ने अपनी किताब में हज्ज और उम्रा कोपूरा करने का आदेश दिया है, अल्लाह का फरमान है : “अल्लाह के लिए हज्जऔर उम्रा को पूरा करो।” और उन दोनों की पूर्ति उन्हें अल्लाह के लिए खालिस करने, औरउन में पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अनुसरण करने के द्वारा ही संभव है, अतःहज्ज या उम्रा का एहराम बाँधने वाले किसी मुसलमान के लिए जायज़ नहीं है कि वह उनदोनों के कार्यों में से किसी चीज़ के अंदर गड़बड़ी करे, या निषिद्ध चीज़ों में सेकिसी ऐसी चीज़ को करे जिसे से उन दोनों के अंदर कमी पैदा हो, और जिस व्यक्ति नेतश्रीक़ के दिनों (11, 12 और 13 ज़ुलहिज्जा) में या तश्रीक़ के किसी एक दिन मेंजमरात को कंकरी मारने के लिए किसी को वकील बना दिया और यौमुन्नहर (क़ुर्बानी कादिन यानी 10 ज़ुलहिज्जा) को प्रस्थान कर गया तो वह ग़लती करने वाला और अल्लाह केशआइर (प्रतीकों) को हीन समझनेवाला समझा जायेगा, और जो व्यक्ति ग्यारह या बारहज़ुलहिज्जा को जमरात को कंकरी मारने के लिए किसी को वकील बना दे और बिदाई तवाफ करेताकि वह जल्दी से सफर कर सके तो उसने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के तरीक़ेका, और आप ने हज्ज के कार्यों को जिस अनुक्रम (तरतीब) मेंअदायगी का हुक्म दिया है उसका विरोध किया, उसके ऊपर अनिवार्य है कि वह इस से तौबाव इस्तिगफार करे, तथा ऐसा करनेवाले पर मिना में रात बिताने को त्याग कर देने का एकदम, तथा जमरात को कंकरी न मारने बल्कि किसी दूसरे को वकील बनाकर प्रस्थान कर जानेका एक दम, तथा एक तीसरा दम विदाई तवाफ़ का अनिवार्य है, यद्यपि उसने प्रस्थान केसमय काबा का तवाफ किया है, इसलिए कि उसका तवाफ उसके समय पर नहीं हुआ है ; क्योंकिविदाई तवाफ़ जमरात को कंकरी मारने से फारिग होने के बाद होता है।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला (शक्ति का स्रोत)है, तथा अल्लाह तआला हमारे ईश्दूत मुहम्मद, उनकी संतान और उनके साथियों पर दया औरशांति अवतरित करे।
इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति
अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़, अब्दुल्लाह बिनगुदैयान, अब्दुल्लाह बिन क़ऊद
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर