प्रश्न: उस आदमी के बारे में आप का क्या विचार है जो कहता है: चोर का हाथ काटना और महिला की गवाही को पुरूष की गवाही के आधा करार देना, क्रूरता और नारी के अधिकार को हड़प करना है ॽ
चोर के हाथ काटने और औरत की गवाही को मर्द की गवाही के आधा करार देने पर आपत्ति व्यक्त करना
प्रश्न: 118687
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकारकी प्रशंसा औरस्तुति केवल अल्लाहके लिए योग्य है।
“जो व्यक्तियह हकहता है किचोर का हाथ काटनाऔर महिला की गवाहीको पुरूष की गवाहीके आधा करार देना,क्रूरता और नारीके अधिकार को हड़पकरना है ! मैं कहताहूँ कि : जिस व्यक्तिने यह बात कही वहइस्लाम से मुर्तद– स्वधर्मत्यागी – है,अल्लाहसर्वशक्तिमानके साथ नास्तिकताकरने वाला है,उसे इस स्वधर्मत्याग से अल्लाहके सामने तौबा– पश्चाताप – करनाचाहिए,अन्यथावह काफिर होकरमरेगा ;इसलिएकि यह अल्लाह सर्वशक्तिामनका निर्णय है,और अल्लाह सर्वशक्तिमानका फरमान है:
وَمَنْأَحْسَنُ مِنْ اللَّهِ حُكْمًا لِقَوْمٍ يُوقِنُونَ [المائدة : 50]
“और यक़ीनरखने वालों केलिए अल्लाह सेबेहतर निर्णय करनेवाला और हुक्मकरने वाला कौनहो सकता है ।” (सूरतुल माइदा: 50).
तथाअल्लाह तआला नेचोर के हाथ काटनेकी हिकमत (तत्वदर्शिताऔर बुद्धिमता)अपने इस कथन मेंस्पष्ट किया है:
جَزَاءًبِمَا كَسَبَا نَكَالًا مِنْ اللَّهِ وَاللَّهُ عَزِيزٌ حَكِيمٌ [المائدة: 38].
“यहउनके करतूत काबदला और अल्लाहकी ओर से सज़ा केतौर पर है और अल्लाहतआला सर्वशक्तिशालीऔर सर्वबुद्धिमानहै।” (सूरतुलमाइदा : 38).
तथादो महिलाओं कीगवाही को एक पुरूषकी गवाही के बराबरकरने की तत्वदर्शिताको अपने इस कथनमें वर्णन कियाहै :
أَنْتَضِلَّ إِحْدَاهُمَا فَتُذَكِّرَ إِحْدَاهُمَا الأُخْرَى [البقرة: 282]
“ताकिएक (महिला)की भूल-चूक कोदूसरी याद दिलादे।”(सूरतुल बक़रा : 282).
अतःइस कथन के कहनेवाले के लिए अनिवार्यहै कि वह इस धर्मत्यागसे तौबा और पश्चातापकरे,अन्यथावह काफिर होकरमरेगा।” अंत हुआ।
आदरणीयशैख मुहम्मद बिनउसैमीन रहिमहुल्लाह।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर