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9,21118/रमजान/1432 , 18/अगस्त/2011

एतिकाफ की शर्तें

Вопрос: 12411

एतिकाफ की शर्तें क्या हैं और क्या उन में से एक शर्त रोज़ा भी है ? और क्या एतिकाफ करने वाले के लिए किसी बीमार की ज़ियारत करना, या दावत स्वीकार करना, या अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करना, या किसी जनाज़ा के पीछे जाना, या काम के लिए जाना जाइज़ है ?

Текст ответа

Хвала Аллаху, мир и благословение будут на Посланника Аллаха и его семью.

एतिकाफ करना उस मस्जिद में धर्म संगत है जिस में जमाअत के साथ नमाज़ होती है, और यदि एतिकाफ करने वाला ऐसे लोगों में से जिन पर जुमा (जुमुआ) की नमाज़ अनिवार्य है और उस के एतिकाफ की अवधि के दौरान कोई जुमा पड़ता है तो ऐसी मस्जिद में एतिकाफ करना सर्वश्रेष्ठ (बेहतर) है जिस में जुमा की नमाज़ होती है।

एतिकाफ के लिए रोज़ा रखना ज़रूरी नहीं है।

सुन्नत का तरीक़ा यह है कि एतिकाफ करने वाला अपने एतिकाफ के दौरान किसी बीमार की ज़ियारत न करे, दावत स्वीकार न करे, न अपने परिवार की ज़रूरतें पूरी करे, न किसी जनाज़ा में हाज़िर हो, और न ही मस्जिद से बाहर अपने काम के लिए जाये। क्योंकि आइशा रज़ियल्लाहु अन्हा से वर्णित है कि उन्हों ने फरमाया :"एतिकाफ करने वाले के लिए सुन्नत यह है कि वह किसी बीमार की ज़ियारत न करे, किसी जनाज़ा में हाज़िर न हो, किसी महिला को न छुए और न उस से संभोग करे, और न ही किसी ज़रूरत के लिए बाहर निकले सिवाय इसके कि वह उसके लिए आवश्यक हो।" इसे अबू दाऊद (हदीस संख्या : 2473) ने रिवायत किया है।

Источник

इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति के फतावा (10/410) से

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