जब मेरी माँ हज्ज करने के लिए गई थीं तो वह जमरात को कंकरी मारने के लिए गई, तो उन्हों ने कुछ कंकरियाँ अपने जेब में रख लीं, चुनांचे उन्हों ने कंकरी मारी, फिर अपने होटल में वापस आ गईं और उस अबाया को निकाल दिया जो पहनी हुई थीं, जब वह हॉलेंड वापस आईं तो उन्हें पता चला कि कुछ कंकरियाँ अबाया के जेब में बाक़ी रह गई थीं, तो क्या उनके ऊपर इस विषय में कोई चीज़ अनिवार्य है ॽ
उस व्यक्ति का हुक्म जिसने जमरात को कंकरी मारी फिर अपने देश में जाकर उसके लिए यह स्पष्ट हुआ कि वह सात कंकरी से कम थीं
प्रश्न: 128422
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर प्रकार कीप्रशंसा और स्तुति केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
विद्वानों के बीच इसबारे में कोई मतभेद नहीं है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने जमरात को सातकंकरियां मारीं, और यही आपका तरीक़ा है, इस बात में कोई संदेह नहीं है।
इब्नुल क़ैयिमरहिमहुल्लाह ने फरमाया :
“अब्दुल्लाह बिनअब्बास, जाबिर बिन अब्दुल्लाह और अब्दुल्लाह बिन उमर रज़ियल्लाहु अन्हुम की हदीससे, अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से शुद्ध रूप से प्रमाणित है कि आपने जमरह को सात कंकरियां मारी हैं।”अंत हुआ।
“हाशिया इब्नुल क़ैयिमअला मुख्तसर सुनन अबी दाऊद”(5/312)
विद्वानों ने उसआदमी के हुक्म के बारे में बहुत मतभेद किया है जिसने हज्ज में जमरात को कंकरीमारने की संख्या में कमी कर दी, इस मुद्दे में कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है जिसकी ओरमतभेद को समाप्त करने के लिए लौटा जा सके।
“अल-मौसूअतुलफिक्हिय्या”(17/80,81) में आया है :
शाफईया और हनाबिलाका मत यह है कि जिस व्यक्ति ने पूरी तरह से कंकरी मारना छोड़ दिया, या एक दिन या दोदिन की कंकरी मारने को छोड़ दिया, और या किसी भी जमरह को कंकरी मारने में तीनकंकरियाँ छोड़ दी, तो उस के ऊपर दम अनिवार्य है।
शाफईया के निकट एककंकरी में : एक मुद्द अनिवार्य है, और दो कंकरी में : उसके दो गुना अनिवार्य है।
तथा हनाबिला के निकटएक कंकरी या दो कंकरी के बारे में कई रिवायतें हैं।
“अल-मुग़्नी” में आया है कि :इमाम अहमद से प्रत्यक्ष कथन यह है कि एक कंकरी, या दो कंकरी में कोई चीज़ अनिवार्य नहींहै।
जबकि अहनाफ इस बातकी ओर गए हैं कि : अगर हाजी ने चारों दिनों में सभी जमरात को कंकरियाँ मारना छोड़दिया, या किसी दिन की पूरी कंकरी मारना छोड़ दिया तो उसके ऊपर एक दम (क़ुर्बानी)अनिवार्य है। तथा इसी के साथ किसी दिन की अधिकतर कंकरियां छोड़ देने को भी मिलायाजायेगा, क्योंकि अक्सर का हुक्म पूरे का भी होता है, अतः उसमें भी दम अनिवार्यहोगा। किंतु अगर उसने एक दिन की कंकरियों में से कमतर हिस्से को छोड़ दिया है तोउसके ऊपर सद्क़ा करना अनिवार्य है, प्रति एक कंकरी के लिए आधा साअ़ गेंहूं या एकसाअ़ खजूर या जौ अनिवार्य है।
तथा मालिकिया का मतयह है कि : एक कंकरी छोड़ने, या सभी कंकरियाँ छोड़ने में उसके ऊपर एक दम अनिवार्यहै।”अंत हुआ।
और हमारे लिए जो बातस्पष्ट होती है – जबकि अल्लाह तआला ही बेहतर ज्ञान रखने वाला है – वह यह है कि यदिउसे यक़ीन है कि उसने एक जमरह से तीन या उससे अधिक कंकरियाँ छोड़ी हैं, तो वह किसीको वकील बना देगी जो उसकी तरफ़ से मक्का में एक बकरी ज़ब्ह करे और उसे हरम के गरीबोंमें वितरित कर दे, और यदि उसे यक़ीन नहीं है तो उसके ऊपर कुछ भी अनिवार्य नहीं है।
और अल्लाह तआला हीसबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर