यदि उम्रा करने वाली महिला को मासिक धर्म आने लगे तो वह पवित्र होने तक प्रतीक्षा करेगी
प्रश्न: 20465
मैं और मेरी पत्नी उम्रा करने के लिए आए थे किंतु मेरे जद्दा पहुँचने के समय मेरी पत्नी को मासिक धर्म आने लगा। परंतु मैं ने अकेले ही अपनी पत्नी के बिना उम्रा पूरा कर लिया तो मेरी पत्नी के संबंध में क्या हुक्म है ॽ
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हर
प्रकार की प्रशंसा
और गुणगान केवल
अल्लाह के लिए
योग्य है।
शैख
मुहम्मद बिन उसैमीन
रहिमहुल्लाह ने
फरमाया :
“आपकी
पत्नी के संबंध
में हुक्म यह है
कि वह पवित्र होने
तक (एहराम की हालत
में) बाक़ी रहे फिर
उसके बाद उम्रा
पूरा करे,क्योंकि नबी
सल्लल्लाहु अलैहि
व सल्लम ने सफिय्या
रज़ियल्लाहु अन्हा
के मासिक धर्म
शुरू हो जाने पर
फरमाया था: “क्या यह हमें
रोक देने वाली
हैं ॽ” लोगों
ने कहा : उन्हों
ने तवाफ इफाज़ा
कर लिया है।
आप ने फरमाया : “तब उसे रवाना
होना चाहिए।”
तो
आप सल्लल्लाहु
अलैहि व सल्लम
का फरमान
“क्या वह हमें
रोक देने वाली
हैंॽ” इस बात
का प्रमाण है कि
यदि औरत को तवाफ
इफाज़ा करने से
पहले मासिक धर्म
आना शुरू हो जाए
तो वह अपने एहराम
की हालत पर ठहरी
रहेगी यहाँ तक
कि वह पाक हो जाए
फिर तवाफ करे,
और इसी तरह उम्रा
का तवाफ भी तवाफे
इफाज़ा के समान
है, क्योंकि वह
उम्रा के रूक्नों
(स्तंभों) में से
एक रूक्न (स्तंभ)
है। यदि उम्रा
करने वाली औरत
को तवाफ करने से
पूर्व मासिक धर्म
आना शुरू हो जाए
तो वह प्रतीक्षा
करेगी यहाँ तक
कि वह पवित्र हो
जाए फिर तवाफ करे।
स्रोत:
मासिक धर्म के विषय में 60 प्रश्न नामी पुस्तिका से अंत हुआ।