काबा के पर्दे, हज्र अस्वद और मुसहफ (क़ुर्आन) के चूमने का क्या हुक्म है ॽ
काबा के पर्दे, मुसहफ (क़ुर्आन) और हज्र असवद (काले पत्थर) को चूमने का हुक्म
प्रश्न: 21392
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हज्र अस्वद (यानी काबा के काले पत्थर) के सिवाय धरती पर किसी भी स्थान को चूमना बिदअत है, और यदि यह पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के अनुसरण के तौर पर न होता, तो हज्र अस्वद को चूमना भी बिद्अत होता, तथा उमर रज़ियल्लाहु अन्हु कहा करते थे कि : “मैं जानता हूँ कि तू एक पत्थर है न हानि पहुँचा सकता है और न लाभ दे सकता है, और यदि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने तुझे न चूमा होता तो मैं तुझे न चूमता।” इसलिए काबा के पर्दे या हुज्रों (नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के कम्रों) या खाना काबा के यमनी कोने या मुसहफ (क़ुरआन) को चूमना, इसी तरह उससे बर्कत हासिल करने के लिए उसे छूना (उस पर हाथ फेरना) भी जायज़ नहीं है, क्योंकि उसको मात्र इबादत के तौर पर छूना है।
स्रोत:
शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन रहिमहुल्लाह