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5,38723/राबी प्रथम/1437 , 3/जनवरी/2016

मस्जिद के निर्माण के लिए ज़कात की राशि लगाने का हुक्म

السؤال: 21805

एक मस्जिद के निर्माण के लिए जो पूरा होने के क़रीब है और उसका निर्माण कार्य रूक गया है, धन की ज़कात खर्च करने का क्या हुक्म है?

الجواب

الحمد لله والصلاة والسلام على رسول الله وآله وبعد.

हर प्रकारकी प्रशंसा औरगुणगान केवल अल्लाहके लिए योग्य है।

सभी विद्वानोंके निकट यह बातसुपरिचित है, और यहीबहुमत (जमहूर) औरअधिकतर लोगों कीराय है, और यह पहलेके पुनीत पूर्वजोंके विद्वानों कीओर से सर्वसहमतिके समान है कि ज़कातको मस्जिदों केनिर्माण और किताबोंइत्यादि की खरीदारीमें नहीं खर्चकिया जायेगा। बल्किकेवल उन्हीं आठश्रेणियों (मदों)में खर्च कियाजायेगा जिनका सूरतुत-तौबाकी आयत में वर्णनहुआ है, और वे : फक़ीर, मिस्कीन, ज़कात कीवसूली पर नियुक्तकर्मचारी, वह लोगजिनके दिलों कोइस्लाम के लिएआकृष्ट करना हो, गर्दनोंको छुड़ाने में, क़र्ज़दारोंका क़र्ज़ चुकाने, अल्लाहके मार्ग (जिहाद)में और मुसाफिरहैं। और ”अल्लाहके मार्ग में” जिहादके साथ विशिष्टहै। विद्वानोंके निकट यही परिचितहै, इसमेंसे न उसे मस्जिदोंके निर्माण मेंखर्च करना है, न मदरसों(स्कूलों) और न हीसड़कों आदि के निर्माणमें खर्च करनाहै, औरअल्लाह तआला हीतौफीक़ देने वालाहै।

المصدر

मजमूअ फतावा व मक़ालात मुतनौविआ, भाग 14 पृष्ठ 294

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