इशराक़ की नमाज़ और चाश्त की नमाज़ अदा करने का उचित समय क्या हैॽ
चाश्त की नमाज़ का समय
प्रश्न: 22389
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इशराक़ की नमाज़ और चाश्त की नमाज़ के बीच अंतर
इशराक़ की नमाज़ : दरअसल चाश्त की नमाज़ ही है जो अपने समय की शुरुआत ही में अदा की जाए। ये दो अलग-अलग नमाज़ें नहीं हैं। इसे इशराक़ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसको सूर्य के उगने (शूरुक़) और उसके थोड़ा बुलंद होने के बाद ही अदी किया जाता है।
शैख़ इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह ने कहा :
“इशराक़ की नमाज़ : यह अपने समय की शुरुआत में अदा की जाने वाली चाश्त की नमाज़ ही है।” (मजमूओ फ़तावा अश-शैख इब्ने बाज़, 11/401).
चाश्त की नमाज़ का समय कब शुरू होता हैॽ
चाश्त की नमाज़ का समय सूर्य के उदय होने और उसके थोड़ा बुलंद होने से लेकर ज़ुहर की नमाज़ के समय से थोड़ा पहले तक है।
शैख इब्ने उसैमीन ने इसका अनुमान यह लगाया है कि यह सूरज उगने के पंद्रह मिनट बाद से लेकर ज़ुहर की नमाज़ से दस मिनट पहले तक है। (अश-शर्हुल मुम्ते’ 4/122).
यह सब समय चाश्त की नमाज़ का समय है।
चाश्त की नमाज़ के लिए सबसे अच्छा समय
सूरज की गर्मी तेज़ होने के बाद चाश्त की नमाज़ पढ़ना सबसे अच्छा है। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : “अव्वाबीन (चाश्त) की नमाज़ उस समय (अदा करना बेहतर) है जब सूरज की गर्मी इतनी तीव्र हो जाए कि ऊँट के बच्चों के पैर जलने लगें।” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 748) ने रिवायत किया है।
फतावा शैख इब्ने बाज़ (11/395).
विद्वानों ने इसका अनुमान दिन के एक चौथाई भाग के बीतने, यानी सूर्योदय और ज़ुहर की नमाज़ के बीच के आधे समय के बीतने से लगाया है।
देखें : अल-मजमू’ लिन-नववी (4/36), अल-मौसूअह अल-फिक़्हिय्यह अल-कुवैतिय्यह (27/224)
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर