मेरी समस्या यह है कि मैं लोगों से बहुत कम बात करती हूँ, खासकर अपने पति से। इसलिए हमारे घर में खामोशी छाई रहती है। मेरे पति अपना मोबाइल फोन पकड़ लेते हैं, और मैं देखती हूँ कि वह ज़ोर-ज़ोर से हँसते हैं। जब वह मेरे साथ बैठते हैं, तो मुझसे बात करने और उनके साथ किसी विषय पर चर्चा शुरू करने के लिए कहते हैं, लेकिन उस समय मुझे लगता है कि मेरा दिमाग खाली है। उन्हें मज़ाक़ करना बहुत पसंद है और उसमें ज़्यादातर झूठ होता है, और मुझे यह पसंद नहीं है। मैं कभी-कभी उनसे कहती हूँ कि किसी के बारे में बात न करें, तो वह मुझसे नाराज़ हो जाते हैं और कहते हैं : तुम बस चुपचाप रहती हो। यहाँ तक कि यात्रा करते समय भी हम टेप रिकॉर्डर (सीडी प्लेयर) चालू रखते हैं। यदि उनका कोई मित्र उनसे कॉल करता है, तो वह उससे 3 घंटे या उससे अधिक समय तक संवाद करते रहते हैं, वह हँसते और टिप्पणी करते हैं, जबकि मैं उनके बगल में होती हूँ। मैं चाहती हूँ कि मेरा जीवन बदल जाए। यह ध्यान रहे कि मुझे एक साधारण फोबिया है, मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं और मेरा एक बेटा है, और मेरे पति का शौक पढ़ना है तथा उन्हें फुटबॉल और कविता पसंद है।
वह अपने पति के साथ चुप रहने और उसके साथ लगातार बातचीत करने में असमर्थता की समस्या का समाधान चाहती है
प्रश्न: 249317
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हमारी सम्मानित बहन, आइए हम अपनी बात को आपके पति के शौक से शुरू करते हैं, जिसका आपने सबसे अंत में उल्लेख किया है।
पढ़ना, कविता और फुटबॉल।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि दंपति की चुप्पी से छुटकारा पाने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक यह है कि शौक या रुचियों से संबंधित किसी भी चीज़ के बारे में बातचीत का आदान-प्रदान किया जाए। पढ़ना और कविता उन व्यापक विषयों में से हैं जो दिलचस्प और लाभकारी चर्चा के लिए क्षितिज खोलते हैं। इसलिए आप अपने पति के दिल के सबसे क़रीब पुस्तकों और कविताओं को देखें और समय-समय पर उनके साथ उनपर चर्चा करें।
चुनाँचे ऐसा संभव है कि आप अपने पति से अपने लिए किसी पुस्तक का सुझाव देने के लिए कहें, जिसे आप पढ़ें, फिर आप दोनों उस पुस्तक के बारे में चर्चा करें। या आप अपने पति से यह पूछें कि उन्होंने आज या कल क्या पढ़ा है, और उस पुस्तक का लेखक कौन है, और उसने अपनी पुस्तक में किन विषयों और विचारों पर चर्चा किया हैॽ
ये चर्चाएं कुछ हास्य-व्यंग या सुखद चुटकुले से रहित नहीं होंगी, जो उन चर्चाओं के लिए आपके अंदर उत्साह और अधिक रुचि पैदा करेंगी, तथा आलस्य और ऊब को दूर करेंगी। इस प्रकार आप मौन की बाधा को तोड़ने में सफल हो जाएँगी, अपने पति की इच्छा को पूरा करेंगी और आप दोनों के बीच आपसी समझ और स्नेह में वृद्धि होगी।
तथा इसमें कोई हर्ज की बात नहीं कि आप हास्य साहित्य की कुछ किताबें पढ़ें, जैसे जाहिज़ की ‘अल-बु-ख़-ला’, ‘अख़बार अल-हम्क़ा वत-तुफ़ैलिय्यीन, इत्यादि, या समकालीन व्यंग्यकारों की किताबें पढ़ें और उसे चर्चा के विषय के लिए, अथवा आपस में बातचीत शुरू करने के लिए आधार बना लें।
उसके हास्य (मनोरंजक बातों), या सामान्य रूप से उसकी बातों के साथ अंतः क्रियाशीलता (इंटरेक्शन) का सही तरीक़ा यह है कि वह उसके माध्यम से हो जिसे प्रभावी श्रवण (effective listening) कहा जाता है, क्योंकि इस प्रकार के श्रवण (सुनने) में सकारात्मक इंटरेक्शन होता है जो आगे की बातचीत और चर्चा को प्रोत्साहित करता है। इस प्रकार का इंटरेक्शन आम तौर पर सकारात्मक टिप्पणी करने, सुनते समय रुचि दिखाने तथा शारीरिक भाषा (शारीरिक हाव – भाव, जैसे दृष्टि और संकेत) के द्वारा बातचीत में रूचि व्यक्त करने के द्वारा किया जाता है, भले ही वह वास्तव में आपके लिए महत्वपूर्ण न हो।
यात्रा के संदर्भ में या घर पर बैठते समय जो करना बेहतर है, यह है कि वह दिलचस्पी से जो रिकॉर्डिंग सुनता है या वह मित्र जो उसे बात करने से रोकता है, उसके सामने समर्पण न करें, बल्कि आप इन संदर्भों (अवसरों) का उपयोग अपने बीच मौन की बाधा को तोड़ने के लिए करें, और जो आप उससे सुनती हैं, उसपर टिप्पणी करके और उसके विचारों और प्रयासों पर चर्चा करके, उन्हें अपनी बातचीत का विषय बना लें।
जहाँ तक उपर्युक्त फोबिया (भय) का संबंध है, तो यदि वह अजनबियों के सामने बात करते समय, या उनकी उपस्थिति में कोई गतिविधि करते समय भय या चिंता के रूप में है, तो यह एक प्रसिद्ध चिकित्सा लक्षण है जिसे ‘सोशल फोबिया’ (सामाजिक भय) के लक्षण के रूप में जाना जाता है या जिसे ‘सामाजिक चिंता विकार’ (Social Anxiety Disorder) कहा जाता है। ऐसी स्थिति में आपको हमारी सलाह यह है कि यदि आवश्यक हो, तो आप मनोवैज्ञानिक सत्रों और दवाओं के माध्यम से सीधे और प्रभावी ढंग से इस भय का इलाज करने के लिए एक महिला चिकित्सक या मनोचिकित्सक के पास जाएँ।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर