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रोज़ेदार को हसरत दिलाने के लिए पानी, जूस और खाने की तस्वीरें भेजने का हुक्म

प्रश्न: 250669

सोशल मीडिया पर हास्य के उद्देश्य से, रोज़े के दौरान रोज़ेदार लोगों के लिए ऐसे संदेश आम हो गए हैं जिसमें ठंडे पानी, पेय और स्वादिष्ट भोजनों की तस्वीरें या क्लिप होती हैं ; ताकि वे हसरत (शोक) करें। क्या ऐसा करने वाला पापी है, या यह उस हास्य की श्रेणी में आता है जो इस्लामी शरीयत के अनुसार जायज़ है?

अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।

रोज़ेदार को दिन में खाने-पीने से मना किया गया है, और उसे चाहिए कि ऐसा अल्लाह की प्रसन्नता के लिए, उससे अज्र व सवाब की आशा रखते हुए करे।

अल्लाह तआला ने फरमाया :

وَكُلُوا وَاشْرَبُوا حَتَّى يَتَبَيَّنَ لَكُمُ الْخَيْطُ الْأَبْيَضُ مِنَ الْخَيْطِ الْأَسْوَدِ مِنَ الْفَجْرِ ثُمَّ أَتِمُّوا الصِّيَامَ إِلَى اللَّيْلِ

البقرة:187

“तथा खाओ और पियो, यहाँ तक कि तुम्हारे लिए भोर की सफेद धारी रात की काली धारी से स्पष्ट हो जाए, फिर रोज़े को रात (सूर्य डूबने) तक पूरा करो।” (सूरतुल बक़रा : 187)

तथा बुखारी (हदीस संख्या : 7492) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1151) ने अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : अल्लाह सर्वशक्तिमान फरमाता है : ‘‘रोज़ा मेरे लिए है और मैं ही उसका प्रतिफल दूँगा। वह अपनी कामवासना और अपना खाना और पीना मेरे लिए त्याग देता है।"

अतः रोज़ा रखने वाले को हसरत दिलाने, या उसके इरादे को कमज़ोर करने, या उसके लिए रोज़ा तोड़ने को शोभित करने के लिए खाने-पीने की तस्वीरें दिखाना, एक हराम (निषिद्ध) कार्य है जो शरीयत निर्धारित करने वाले के उद्देश्य के विपरीत है, तथा यह इब्लीस का काम है जो ईमानवाले के लिए हर रास्ते पर बैठता है ताकि उसे सच्चाई से रोक दे, जैसा कि अल्लाह ने उसके बारे में फरमाया :

وَزَيَّنَ لَهُمُ الشَّيْطَانُ أَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِيلِ فَهُمْ لَا يَهْتَدُونَ

النمل:24

“और शैतान ने उनके कामों को उनके लिए शोभित कर दिया है। चुनाँचे उन्हें सुपथ से रोक दिया है। अतः वे मार्गदर्शन नहीं पाते।” (सूरतुन-नम्ल : 24)[2]।

قَالَ فَبِمَا أَغْوَيْتَنِي لَأَقْعُدَنَّ لَهُمْ صِرَاطَكَ الْمُسْتَقِيمَ * ثُمَّ لَآتِيَنَّهُمْ مِنْ بَيْنِ أَيْدِيهِمْ وَمِنْ خَلْفِهِمْ وَعَنْ أَيْمَانِهِمْ وَعَنْ شَمَائِلِهِمْ وَلَا تَجِدُ أَكْثَرَهُمْ شَاكِرِينَ

الأعراف:16، 17

"(इब्लीस) ने कहा : इसलिए कि तूने मुझे गुमराह किया है, मैं अवश्य ही उनके लिए तेरे सीधे मार्ग पर बैठूँगा।

फिर मैं उनके पास उनके आगे से और उनके पीछे से और उनके दाएँ से और उनके बाएँ से आऊँगा और उनमें से अधिकांश को तुम कृतज्ञ (शुक्रगुजार) न पाओगे।” (सूरतुल-आराफ़ :16-17).

अगर ऐसा करना हराम है, तो इसे हास्य के रूप में करना मकरूह (नापसंदीदा) है और मुनासिब नहीं है। बल्कि अल्लाह के प्रतीकों का सम्मान करना चाहिए, अनिवार्य कर्तव्य के महत्व और उसकी प्रतिष्ठा को जानना चाहिए, लोगों को उसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित और उसपर मदद करना चाहिए। हो सकता है ये तस्वीरें कमज़ोर ईमान वाले को रोज़ा तोड़ने के लिए लोभित कर दें, तो हास्य करने वाले को इसका पाप भुगतना पड़ेगा।

यदि इसका उद्देश्य वास्तव में रोज़ेदार को हसरत दिलाना है, यानी इस स्वादिष्ट भोजन से वंचित होने के कारण वह हसरत महसूस करे, या उसकी नीयत को कमज़ोर करने या उसके लिए रोज़ा तोड़ने को शोभित करने के लिए है, तो यह एक हराम कार्य है ; क्योंकि जैसा कि ऊपर बताया गया है, यह शरीयत बनाने वाले के उद्देश्य के विपरीत है, और क्योंकि यह लोगों को पाप और अवज्ञा के लिए आमंत्रित करना है। और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत

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