मैं ने प्रश्न संख्या (1584) में पढ़ा है कि रमज़ान के महीने को साबित करने में एक भरोसेमंद ''अद्ल'' (न्यायप्रिय) व्यक्ति का चाँद देखना काफी है, तो वह ''अद्ल'' (आदिल अर्थात न्यायप्रिय) व्यक्ति कौन है ?
वह ”अद्ल” (न्यायप्रिय) व्यक्ति कौन है जिसकी बात चाँद देखने के बारे में स्वीकारनीय होगी ?
Frage: 26824
Lob sei Allah, und Frieden und Segen sei auf dem Gesandten Allahs und seiner Familie.
अरबी भाषा में ''अद्ल'' : सीधे को कहते हैं और उसका विपरीत टेढ़ा है।
तथा शरीअत में : उस आदमी को कहते हैं जो कर्तव्यों का पालन करने वाला हो, उसने कोई बड़ा गुनाह न किया हो, और छोटे गुनाह पर अटल रहने वाला न हो।
कर्तव्यों के पालन से अभिप्राय : फ़र्ज़ चीज़ों, जैसे पाँच समय की नमाज़ों, की अदायगी है।
और बड़ा गुनाह न किया हो, जैसे ग़ीबत और चुग़लखोरी।
तथा आदिल होने के साथ-साथ इस बात की भी शर्त लगाई जायेगी कि उसकी दृष्टि मज़बूत हो इस तरह कि उसने जिस चीज़ का दावा किया है उसका उसमें सच्चा होना संभावित हो। यदि उसकी दृष्टि कमज़ोर है तो उसकी गवाही क़बूल नहीं की जायेगी चाहे वह आदिल (न्यायप्रिय और मोतबर) ही क्यों न हो ;क्योंकि यदि वह कमज़ोर दृष्टि वाला होने के बावजूद गवाही दे तो वह भ्रममूलक और भ्रमात्मक है।
इसका प्रमाण यह है कि अल्लाह सर्वशक्तिमान ने शक्ति और अमानतदारी को काम की ज़िम्मेदारी सौंपने के तर्कों में से करार दिया है, चुनाँचे मद्यन नगर वाले (ईश्दूत शुऐब अलैहिस्सलाम) के साथ मूसा अलैहिस्सलाम की कहानी में आया है कि उनकी दोनों बेटियों में से एक ने कहा है : ‘‘हे पिताजी! आप इन्हें मज़दूरी पर रख लीजिए, क्योंकि जिन्हें आप मज़दूरी पर रखें उनमें सबसे अच्छा वह है जो ताक़तवर और ईमानदार हो।'' (सूरतुल क़ससः 26). तथा शक्तिशाली जिन्नों ने, जो सबा की रानी के सिंहासन को लाने का प्रतिबद्ध हुआ था, कहा : ''निःसन्देह मैं इस पर शक्ति रखता हूँ और अमानतदार हूँ।'' (सूरतुन्नम्लः 39).
तो यह दोनों गुण हर काम के अंदर दो स्तंभ हैं और उन्हीं में से गवाही भी है।
अश-शर्हुल मुम्ते 6/323, तथा अधिक जानकारी के लिए अल-मौसूअतुल फिक़्हिय्या 30/5, मुद्रित – कुवैत.
Quelle:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर