क्या औरत के लिए अपने माल के ज़कात का भुगतान अपने पति को करना जायज़ है ?
औरत के लिए अपने माल की ज़कात अपने पति को भुगतान करना जायज़ है यदि वह ज़कात के हक़दार लोगों में से है। क्योंकि उसका (यानी पति का) खर्च उसके ऊपर अनिवार्य नहीं है, और इसलिए कि यह बात वर्णित है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हुमा की औरत को अपने माल की ज़कात अपने पति अब्दुल्लाह को भुगतान करने की अनुमति प्रदान की थी।