मेरा 3 साल पहले तलाक़ हो गया था। कार्यवाही एक वकील के माध्यम से की गई थी। मेरे पूर्व पति ने प्रतिवाद करने से इनकार कर दिया। इसलिए हमारे बीच एक समझौता हो गया। मैं यह जानना चाहती हूँ कि उन्होंने मुझे कभी मौखिक रूप से 'तलाक' नहीं कहा। जबकि कुछ लोगों ने मुझे बताया कि उन्हें इसे मुझसे मौखिक रूप से कहना चाहिए। कृपया मेरे लिए इस मामले को स्पष्ट करें। क्योंकि यह मामला मुझे परेशान कर रहा है।
तलाक़ के लिए पत्नी को उसके बारे में ज्ञान होना या उसके सामने तलाक़ दिया जाना शर्त नहीं है
प्रश्न: 31778
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
तलाक़ में यह शर्त नहीं है कि पति अपनी पत्नी के सामने तलाक़ का शब्द कहे या उसे इसके बारे में जानकारी हो। इसलिए जब भी पुरुष तलाक़ का शब्द बोलता है, या उसे लिख देता है, तो उसे एक सही (वैध) तलाक़ माना जाता है जो प्रभावी होता है, भले ही पत्नी को इसके बारे में पता न हो।
अगर आपके पति ने किसी वकील के साथ तलाक़ की प्रक्रिया पूरी की है, तो यह तलाक वैध और प्रभावी है। प्रश्न संख्या : (9593 ) और (20660 ) देखें।
शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह से पूछा गया :
एक आदमी अपनी पत्नी से बहुत दिनों से दूर है और उसने उसे अपने आपसे तलाक़ दे दिया, भले ही उसने उसे इस बात की जानकारी न दी हो। तो क्या तलाक़ हो जाएगाॽ
तो उन्होंने जवाब दिया :
तलाक़ हो जाएगा, भले ही उसने पत्नी को सूचित न किया हो। यदि कोई इनसान तलाक़ के शब्द का उच्चारण करता है और कहता है : मैंने अपनी पत्नी को तलाक़ दे दिया, तो पत्नी को तलाक़ हो गया, चाहे वह इसके बारे में जानती हो या नहीं। इसलिए अगर मान लिया जाए कि इस पत्नी को तीन बार मासिक धर्म होने के बाद इस तलाक़ के बारे में पता चला, तो उसकी प्रतीक्षा अवधि (इद्दत) समाप्त हो गई, हालाँकि उसे इसके बारे में पता नहीं चला। इसी तरह अगर किसी आदमी की मृत्यु हो जाती है और उसकी पत्नी को इद्दत की अवधि समाप्त होने के बाद उसकी मृत्यु का पता चलता है, तो उस समय उसपर इद्दत अनिवार्य नहीं है क्योंकि उसकी इद्दत प्रतीक्षा अवधि समाप्त होने के साथ ही समाप्त हो गई।” उद्धरण समाप्त हुआ।
“फ़तावा इब्न उसैमीन” (2/804)।
स्रोत:
साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर
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