मैं ने रियल स्टेट बैंक से 2,51,900 (दो लाख इक्कावन हज़ार नौ सौ) रियाल उधार लिया जो सालाना क़िस्तों में अदा किया जाना है, क्या मेरे लिए हज्ज करने का हक़ है जबकि बैंक की यह राशि मेरे ऊपर क़र्ज़ है ?
उस आदमी का हज्ज जिस के ऊपर क़र्ज़ अनिवार्य है
प्रश्न: 36852
अल्लाह की हमद, और रसूल अल्लाह और उनके परिवार पर सलाम और बरकत हो।
हज्ज करने की ताक़त का होना हज्ज के अनिवार्य होने की शर्तों में से एक शर्त है, अत: अगर आप हज्ज करने और हज्ज करने के समय आप से जो क़िस्त मतलूब है उसकी अदायगी करने की ताक़त रखते हैं तो आप पर हज्ज करना अनिवार्य है, और अगर दोनों चीज़ें आप पर एक साथ आ जाती हैं और उन दोनों की एक साथ ताक़त नहीं रखते हैं तो आप उस क़िस्त की अदायगी को जिस का आप से मुतालबा है प्राथमिकता दीजिये, और हज्ज को विलंब कर दें यहाँ तक कि आप के पास उसकी ताक़त हो जाये, क्योंकि अल्लाह सुब्हानहु व तआला का फरमान है : "अल्लाह तआला ने उन लोगों पर जो उस तक पहुँचने का सामर्थ्य रखते हैं इस घर का हज्ज करना अनिवार्य कर दिया है।" (सूरत आल-इम्रान: 97)
और अल्लाह ही तौफीक़ प्रदान करने वाल है।
स्रोत:
"फतावा अल्लज्ना अद्दाईमा लिल-बुहूस अल-इल्मिय्या वल-इफ्ता" (11/45)